भरतपुर. निर्वाचन आयोग ने आचार संहिता की पालना पर निगरानी रखने और आमजन की सहभागिता बढ़ाने के लिए सी विजिल ऐप शुरू किया. हालांकि इस ऐप पर आ रहीं झूठी शिकायतों ने प्रशासनिक अधिकारियों की मशक्कत करा रखी है. आचार संहिता लागू होने के बाद बीते 10 दिन में सी विजिल ऐप पर मिली कुल शिकायतों में से करीब 75% झूठी पाई गई हैं.
ऐप पर शिकायत के नाम पर कोई सेल्फी अपलोड कर रहा है, तो कोई धन वितरण व अन्य तरह की झूठी शिकायतें कर रहे हैं. सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उपनिदेशक पुष्पेंद्र कुंतल ने बताया कि सी विजिल ऐप पर 9 से 18 अक्टूबर तक कुल 64 शिकायतें प्राप्त हुई, जिनमें से 16 शिकायतें सही पाई गईं और 48 शिकायतें झूठी निकली. सही पाई गई शिकायतों का फ्लाइंग स्क्वॉड टीम (एफएसटी) ने समय से निस्तारण कर दिया.
ऐसे किया जाता है निस्तारण: असल में ऐप पर कोई भी आमजन दो तरह से शिकायत कर सकता है. अपनी पहचान के साथ और पहचान छुपाकर. जब भी ऐप पर शिकायत प्राप्त होती है तो उसका 100 मिनट में निस्तारण करना होता है. शिकायत मिलते ही डिस्ट्रिक्ट कंट्रोल रूम से 5 मिनट में एफएसटी को भेजना होता है. शिकायत मिलते ही एफएसटी को 15 मिनट में शिकायत की लोकेशन पर पहुंचना होता है. उसके अगले 15 मिनट में शिकायत सही है या झूठी, इसका पता कर के रिटर्निंग ऑफिसर को सूचित किया जाता है. बाकी समय में शिकायत का पूर्ण निस्तारण करना होता है.
ऐसी-ऐसी फर्जी शिकायतें: सी विजिल ऐप पर मिल रही झूठी शिकायतें अलग अलग तरह की हैं. उदाहरण के रूप में जिले के नगर क्षेत्र से शिकायतकर्ता ने सेल्फी लेकर अपलोड कर दी. टीम ने पता किया तो जानकारी मिली कि गलती से शिकायत कर दी थी. इसी तरह एक अन्य शिकायत में सड़क का फोटो अपलोड कर दिया. एक शिकायत धन वितरण की प्राप्त हुई, जो जांच करने पर झूठी पाई गई.