जयपुर. प्रदेश की सत्ता में आए हुए कांग्रेस को करीब पांच महीने हो गए है. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों में प्रदेश की 25 सीटों पर कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा. भरतपुर की जनता ने आईएएस अधिकारी रह चुके कांग्रेस प्रत्याशी अभिजीत के स्थान पर 10वीं पास भाजपा प्रत्याशी रंजिता कोली को चुना. इसी चुनावी परिणाम पर पंडित रामकिशन ने राजनीतिक विश्लेषण मीडिया के सामने रखा.
25 लोकसभा सीटों पर अपने अच्छे प्रदर्शन के बाद भाजपा का हौसला बढ़ा है. जबकि कांग्रेस पार्टी को पिछले लोकसभा चुनावों की तरह एक सीट पर भी जीत नसीब नहीं हुई. लेकिन यदि बात करे भरतपुर विधानसभा सीट की तो बीजेपी की प्रत्याशी रंजीता कोली ने कांग्रेस के अभिजीत को 03 लाख से भी ज्यादा वोटों से मात दी.
खास बात है कि रंजीता कोली केवल 10वीं पास है और कांग्रेस के अभिजीत आईएएस रह चुके हैं. लेकिन मोदी लहर में रंजीता कोली को संसद तक पहुंचा दिया. कांग्रेस की हार के कारणों के बारे में पंडित रामकिशन शर्मा ने बताया कि इस चुनाव में लोगों ने एक तरफ मोदी के पक्ष में वोट किया और दूसरी तरफ मोदी के विरोध में. इस प्रकार एक ऐसी स्थिति का निर्माण हुआ जिसमें मोदी के व्यक्तित्व का मुकाबला विपक्ष में कोई नहीं कर पाया.
पंडित रामकिशन करीब 94 साल के हैं और भरतपुर की राजनीति वे आज भी बारिकी से नजर रखते हैं. वे जनता पार्टी से 1977 में एक बार सांसद और कई बार विधायक भी रह चुके हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने ऐसा ही दौर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय में भी देखा है. उन्होंने भरतपुर लोकसभा सीट के बारे में बताया कि इस चुनाव में हिंदुत्व का एजेंडा साफ नजर आया है. उन्होंने कहा भोपाल से लड़ने वाली एक प्रत्याशी ने महात्मा गांधी के बारे में भला-बुरा बोला. उसके बाद भी वहां कांग्रेस 3 लाख वोटों से हार गई. साथ ही पंडित रामकिशन ने बताया कि पाकिस्तान के साथ देशवासियों की घृणा को भी मोदी सरकार ने भुनाया है और सेना के नाम पर भी वोट मांगने का कार्य किया है.
उन्होंने बताया कि भाजपा का मैनेजमेंट, कांग्रेस के मैनेजमेंट की तुलना में अधिक सुदृढ़ है. साथ ही बताया कि कांग्रेस एक पुरानी पार्टी है और देश के युवाओं को एक नहीं पार्टी को देश की कमान देनी थी, इसलिए भाजपा को वापस एक बार मौका दिया गया. पंडित रामकिशन ने कहा कि भरतपुर में शुरू से ही एक ऐसा वर्ग रहा है जो कांग्रेस को समर्थन नहीं करता है. इस प्रकार भरतपुर में भी भाजपा की जीत का यह एक मुख्य कारण रहा.