ETV Bharat / state

Special: सरकारी तंत्र की लापरवाही- जीवित महिला को बता दिया मृत, जिंदा साबित करने के लिए बेटा काट रहा विभागों के चक्कर - rajasthan news

भरतपुर के खेरली गड़ासिया गांव में एक 80 वर्षीय केसो को सरकारी तंत्र है कि उसे जिंदा मानने को ही तैयार नहीं है. अब केसो का बेटा बीते 4 माह से अपनी मां को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है. वहीं, ईटीवी भारत ने जब पीड़ित के घर जाकर देखा तो केसो जीवित और स्वस्थ मिलीं.

भरतपुर न्यूज, bharatpur news, rajasthan news
जीवित महिला को बता दिया मृत
author img

By

Published : Mar 5, 2020, 10:05 AM IST

Updated : Mar 5, 2020, 1:05 PM IST

भरतपुर. जिले के बयाना तहसील के खेरली गड़ासिया गांव निवासी 80 वर्षीय केसो पत्नी सूरजमल अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही है, लेकिन सरकारी तंत्र है कि उसे जिंदा मानने को ही तैयार नहीं है. सरकारी तंत्र के कर्मचारियों ने केसो को अगस्त 2019 में ही मृत मान लिया है. अब केसो का बेटा बीते 4 माह से अपनी मां को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है. वहीं, विभाग के अधिकारी हैं कि उसे कागजी कार्रवाई के नाम पर इधर से उधर घुमा रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब पीड़ित के घर जाकर देखा तो केसो जीवित और स्वस्थ मिलीं.

जीवित महिला को बता दिया मृत

दरअसल, खेरली गड़ासिया निवासी भीम सिंह ने बताया कि उसकी मां केसो की वृद्धावस्था की पेंशन बैंक खाते में आती थी, लेकिन अगस्त 2019 से अचानक से उनकी पेंशन बंद हो गई. इस संबंध में जब बैंक में जाकर के पता किया तो वहां के अधिकारियों ने बताया कि केसो नामक महिला तो मर चुकी है, इसलिए उनकी पेंशन बंद कर दी गई है. इसके बाद जब ट्रेजरी में जाकर मिले तो वहां के अधिकारियों ने भी यही जानकारी दी. जानकारी करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के स्तर पर यह गलत जानकारी प्रसारित की गई, जिसके बाद जीवित केसो को मृत बता दिया.

पढ़ेंः इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन का मुद्दा गूंजा, मंत्री रघु शर्मा ने बीजेपी को घेरा

बिना जांच के भेज दी मृतकों की सूची...

भीम सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत खेरली गड़ासिया के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर जानकारी की तो पता चला कि पूरी पंचायत के करीब 15 मृतकों की सूची बनाकर पंचायत समिति भेजी गई थी, जिनमें जीवित केसो का नाम भी था. लेकिन, राजीव गांधी सेवा केंद्र पर कार्यरत सचिव और अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों की ओर से इन मृतकों की सूची का क्रॉस वेरिफिकेशन नहीं किया गया. ऐसे में गलत जानकारी ऊपर भेज दी गई.

पढ़ेंः अफीम का 'खेल': गेहूं की फसल के बीच पक रहा था 'काला सोना', अधिकारियों की पड़ी नजर तो रह गए दंग

जीवित साबित करने को काट रहे चक्कर...
भीम सिंह ने बताया, कि अब वह अपनी मां को जीवित साबित करने के लिए राजीव गांधी सेवा केंद्र से लेकर पंचायत समिति तक चक्कर काट रहा है. सचिव का कहना है कि 80 वर्षीय केसो का आधार कार्ड बनवा कर लाया जाए, लेकिन हकीकत यह है कि उम्र अधिक होने की वजह से आधार कार्ड बनवाने के लिए उनके फिंगरप्रिंट स्कैन नहीं हो पा रहे. ऐसे में आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. इसी के चलते जिम्मेदार रिकॉर्ड में केसो को फिर से जीवित दर्ज नहीं कर रहे.

भरतपुर. जिले के बयाना तहसील के खेरली गड़ासिया गांव निवासी 80 वर्षीय केसो पत्नी सूरजमल अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही है, लेकिन सरकारी तंत्र है कि उसे जिंदा मानने को ही तैयार नहीं है. सरकारी तंत्र के कर्मचारियों ने केसो को अगस्त 2019 में ही मृत मान लिया है. अब केसो का बेटा बीते 4 माह से अपनी मां को जिंदा साबित करने के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काट रहा है. वहीं, विभाग के अधिकारी हैं कि उसे कागजी कार्रवाई के नाम पर इधर से उधर घुमा रहे हैं. ईटीवी भारत ने जब पीड़ित के घर जाकर देखा तो केसो जीवित और स्वस्थ मिलीं.

जीवित महिला को बता दिया मृत

दरअसल, खेरली गड़ासिया निवासी भीम सिंह ने बताया कि उसकी मां केसो की वृद्धावस्था की पेंशन बैंक खाते में आती थी, लेकिन अगस्त 2019 से अचानक से उनकी पेंशन बंद हो गई. इस संबंध में जब बैंक में जाकर के पता किया तो वहां के अधिकारियों ने बताया कि केसो नामक महिला तो मर चुकी है, इसलिए उनकी पेंशन बंद कर दी गई है. इसके बाद जब ट्रेजरी में जाकर मिले तो वहां के अधिकारियों ने भी यही जानकारी दी. जानकारी करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के स्तर पर यह गलत जानकारी प्रसारित की गई, जिसके बाद जीवित केसो को मृत बता दिया.

पढ़ेंः इलेक्ट्रोपैथी डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन का मुद्दा गूंजा, मंत्री रघु शर्मा ने बीजेपी को घेरा

बिना जांच के भेज दी मृतकों की सूची...

भीम सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत खेरली गड़ासिया के राजीव गांधी सेवा केंद्र पर जानकारी की तो पता चला कि पूरी पंचायत के करीब 15 मृतकों की सूची बनाकर पंचायत समिति भेजी गई थी, जिनमें जीवित केसो का नाम भी था. लेकिन, राजीव गांधी सेवा केंद्र पर कार्यरत सचिव और अन्य जिम्मेदार कर्मचारियों की ओर से इन मृतकों की सूची का क्रॉस वेरिफिकेशन नहीं किया गया. ऐसे में गलत जानकारी ऊपर भेज दी गई.

पढ़ेंः अफीम का 'खेल': गेहूं की फसल के बीच पक रहा था 'काला सोना', अधिकारियों की पड़ी नजर तो रह गए दंग

जीवित साबित करने को काट रहे चक्कर...
भीम सिंह ने बताया, कि अब वह अपनी मां को जीवित साबित करने के लिए राजीव गांधी सेवा केंद्र से लेकर पंचायत समिति तक चक्कर काट रहा है. सचिव का कहना है कि 80 वर्षीय केसो का आधार कार्ड बनवा कर लाया जाए, लेकिन हकीकत यह है कि उम्र अधिक होने की वजह से आधार कार्ड बनवाने के लिए उनके फिंगरप्रिंट स्कैन नहीं हो पा रहे. ऐसे में आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है. इसी के चलते जिम्मेदार रिकॉर्ड में केसो को फिर से जीवित दर्ज नहीं कर रहे.

Last Updated : Mar 5, 2020, 1:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.