कामां (भरतपुर). कामां विधायक जाहिदा खान ने प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर के आदेशानुसार एक विद्यालय में केवल तृतीय भाषा पढ़ाने के आदेश को निरस्त कराने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा. राजकीय विद्यालयों में तृतीय भाषा के साथ उर्दू, पंजाबी और सिंधी पढ़ाई जा रही है. अब वहां एक ही भाषा पढ़ाई जा सकती है. इस आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करवाने के लिए विधायक ने सीएम को पत्र लिखा है.
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कामां विधायक जाहिदा खान ने बताया कि प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशालय का जारी आदेशानुसार राजकीय विद्यालयों में जहां पर तृतीय भाषा के तौर पर संस्कृत के साथ उर्दू, पंजाबी और सिंधी पढ़ाई जा रही है, वहां एक ही भाषा पढ़ाई जाएगी. एक विद्यालय में एक ही तृतीय भाषा पढ़ाई जा सकती है, जो शिक्षा के अधिकार के बिल्कुल विपरीत है. जिन विद्यालयों में कम संख्या में अल्पसंख्यक छात्र पढ़ते हैं. वहां पर वह उर्दू, पंजाबी और सिंधी के स्थान पर संस्कृत पढ़ाने को मजबूर होंगे.
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इस तरह बहुत अधिक संख्या में अल्पसंख्यक विद्यार्थी उर्दू पढ़ने से वंचित हो जाएंगे. ऐसी स्थिति में जारी आदेशों को निरस्त कराकर पूर्व की भांति प्रारंभिक कक्षाओं में कक्षा 6 से 8 में किसी भी एक कक्षा में विद्यार्थी होने पर दूसरी तृतीय भाषा संस्कृत के अलावा उर्दू, पंजाबी और सिंधी के शिक्षकों का पद स्वीकृत किया जा सकता है, जिसे लागू रहने दे की मांग की गई है.