कामां (भरतपुर). जिले के मुरार गांव में बनी भूमि के बेचान के विरोध में साधु ने मंदिर पर चढ़कर आत्मदाह करने की कोशिश की. जिसको लेकर उपखंड अधिकारी बनवारी लाल शर्मा, डीएसपी देवेंद्र सिंह और राजावत थाना अधिकारी धर्मेश दायमा ने 4 घंटे तक साधु-संतों को समझा बुझाकर नीचे उतारा.
बता दें कि, बनी की भूमि को बेचन के विरोध में 3 दिन पहले ही साधु संतों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर अवगत कराया गया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि, बनी भूमि को वन क्षेत्र घोषित नहीं किया गया तो हम 3 दिन बाद आत्मदाह कर लेंगे. जिसको लेकर गुरुवार दोपहर को साधु आत्मदाह करने के लिए मंदिर की चोटी पर चढ़ गया.
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जिसके बाद सैकड़ों की तादात में मंदिर पर ग्रामीण एकत्रित हो गए और प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे. सूचना मिलते ही एसडीएम बनवारीलाल शर्मा, डीएसपी देवेंद्र सिंह राजावत, थानाधिकारी धर्मेश दायमा पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और काफी समझाइश के बाद साधु-संतों नीचे उतारा.
कामां के मुरार गांव में खसरा नंबर 186, 187, 188, 191, 192, 195, का 6 रकबा 20.51 हेक्टेयर में सैकड़ों सालों से खेती नहीं की गई. पूरी जगह उबड़-खाबड़ पड़ी हैं. जिसमें सैकड़ों साल पुराने हजारों बरगद और पीपल के वृक्ष हैं और सैकड़ों की संख्या में मोर विचरण करते हैं. कई साधु-संत उक्त तपोभूमि वन क्षेत्र में छोटी-छोटी कुटिया बनाकर तपस्या करते हैं. इसमे सैकड़ों साल पुराना हनुमान मंदिर भी है और चार धार्मिक तालाब बने हुए हैं.
उक्त वन क्षेत्र को कुछ भूमाफिया खरीदना चाहते हैं. जिससे साधुओं कि ये तपोभूमि उजड़ जाएगी. इसलिए इस तपोभूमि क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित कराए जाने की मांग कर रहे हैं. जिसके बाद एसडीएम बनवारीलाल शर्मा ने साधु-संतों को आश्वासन दिया है कि नियमानुसार जो होगा, उसे किया जाएगा और बेचान की प्रक्रिया पर पूरे तरीके से रोक लगा दी जाएगी. जिसके बाद साधु संत और ग्रामीण शांत हुए और प्रशासन ने राहत की सांस ली.