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कोर्ट में 'एक' हुए पति-पत्नी, वर्षों से चल रहा था विवाद

भरतपुर के कामां में एक दंपती में कई वर्षों से चल रहे विवाद के बाद न्यायालय में दोनों की समझाइश की गई, जिसके बाद वो साथ रहेने के लिए सहमत हो गए और एक परिवार बिछड़ने से बच गया. वहीं, न्यायालय में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 26 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिनमें कुल समझौता राशि 25 लाख 89 हजार रुपए की थी.

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Published : Aug 23, 2020, 2:07 PM IST

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पति पत्नी का राजीनामा

कामां (भरतपुर). जिले के कामां क्षेत्र के गांव इकलहरा निवासी एक पति पत्नी में कई वर्षों से विवाद चल रहा था. जिसका पति ने न्यायालय में एक परिवार पेश किया जिसमें पत्नी को वापसी बुलाने की मांग की गई. जिस पर राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय एवं अधिवक्ताओं द्वारा समझाइश की गई, जिसके बाद दोनों पति-पत्नी समझाइश के बाद सहमत हो गए और एक परिवार बिछड़ने से बच गया.

न्यायालय के लिपिक संतोष कुमार दुबे ने बताया कि कामां न्यायालय में अपर जिला और सेशन न्यायाधीश डॉ. कैलाश चंद्र अटवांसिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें 26 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है, जिनकी कुल समझौता राशि 25 लाख 89 हजार रुपए थी.

पढ़ेंः भारत-नेपाल सीमा पर घुसपैठ करता चीनी नागरिक गिरफ्तार

न्यायालय में बलराम पत्नी धर्मवती दंपत्ति का दाम्पत्य संबंध पुर्नस्थापना का प्रकरण भी निस्तारित किया गया. जिसमें अधिवक्ता शैवाल शर्मा द्वारा एक परिवाद न्यायालय में पेश किया गया. जिसमें अवगत कराया गया कि इकलहरा निवासी बलराम ने अपनी पत्नी को बुलाने के लिए पेश किया. जिनमें कई वर्षों से विवाद चल रहा था.

जिसके बाद न्यायालय में पति-पत्नी दोनों की समझाइश की गई और उनके द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौता पेश कर दिया. जिसके बाद न्यायालय ने अपना आदेश सुनाया और एक परिवार राष्ट्रीय लोक अदालत में समझाइश के प्रयास से टूटने से बच गया.

कामां (भरतपुर). जिले के कामां क्षेत्र के गांव इकलहरा निवासी एक पति पत्नी में कई वर्षों से विवाद चल रहा था. जिसका पति ने न्यायालय में एक परिवार पेश किया जिसमें पत्नी को वापसी बुलाने की मांग की गई. जिस पर राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय एवं अधिवक्ताओं द्वारा समझाइश की गई, जिसके बाद दोनों पति-पत्नी समझाइश के बाद सहमत हो गए और एक परिवार बिछड़ने से बच गया.

न्यायालय के लिपिक संतोष कुमार दुबे ने बताया कि कामां न्यायालय में अपर जिला और सेशन न्यायाधीश डॉ. कैलाश चंद्र अटवांसिया की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिसमें 26 प्रकरणों का निस्तारण किया गया है, जिनकी कुल समझौता राशि 25 लाख 89 हजार रुपए थी.

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न्यायालय में बलराम पत्नी धर्मवती दंपत्ति का दाम्पत्य संबंध पुर्नस्थापना का प्रकरण भी निस्तारित किया गया. जिसमें अधिवक्ता शैवाल शर्मा द्वारा एक परिवाद न्यायालय में पेश किया गया. जिसमें अवगत कराया गया कि इकलहरा निवासी बलराम ने अपनी पत्नी को बुलाने के लिए पेश किया. जिनमें कई वर्षों से विवाद चल रहा था.

जिसके बाद न्यायालय में पति-पत्नी दोनों की समझाइश की गई और उनके द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत में समझौता पेश कर दिया. जिसके बाद न्यायालय ने अपना आदेश सुनाया और एक परिवार राष्ट्रीय लोक अदालत में समझाइश के प्रयास से टूटने से बच गया.

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