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Right to health bill 2023 : निजी डॉक्टरों के समर्थन में उतरे सरकारी चिकित्सक, किया 2 घंटे का कार्य बहिष्कार

प्रदेश सरकार ने लोगों को चिकित्सा सुलभ कराने के इरादे से राइट टू हेल्थ बिल को विधान सभा में पास कराया परंतु डॉक्टरों को यह बिल नागवार गुजरी है. इसके खिलाफ पहले प्राइवेट डॉक्टर लामबंद हुए. अब सरकारी डॉक्टरों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार कर उन्हें (निजी चिकित्सकों) अपना समर्थन दिया.

सरकारी चिकित्सकों ने किया 2 घंटे कार्य बहिष्कार
सरकारी चिकित्सकों ने किया 2 घंटे कार्य बहिष्कार
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Published : Mar 27, 2023, 1:24 PM IST

भरतपुर. राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल-2023 के विरोध में आंदोलन कर रहे निजी चिकित्सकों के समर्थन में अब सरकारी चिकित्सक भी उतर आए हैं. सोमवार को संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान अस्पताल के आउटडोर में मरीजों की लंबी कतार लग गई, ओपीडी का इलाका मरीजों की भीड़ से भरा हुआ था परंतु चिकित्सक कार्य बहिष्कार के तहत चेंबर में बैठे थे परंतु मरीजों को नहीं देखा. हालांकि इस दौरान अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही.

आज आरबीएम जिला अस्पताल के ओपीडी में चिकित्सकों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ओपीडी में किसी मरीज को उपचार नहीं दिया. अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि कार्य बहिष्कार सिर्फ आउटडोर पेशेंट डीपार्टमेंट (OPD) में किया गया था. इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही थीं.

हालांकि सुबह 11 बजे के बाद चिकित्सक काम पर लौट आए. तब जाकर मरीजों को थोड़ी राहत मिल पाई. हालांकि फिर भी आउट डोर में मरीजों की इतनी भीड़ थी कि मरीजों को परामर्श और उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. इस दौरान कई बुजुर्ग और महिला मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

पढ़ें Protest against Right to Health Bill : डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार से चरमराई प्रदेश के सबसे बड़े SMS अस्पताल की व्यवस्थाएं

कल भी कार्य बहिष्कार
राजमेस आरएमसीटीए की और से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि चिकित्सकों की ओर से 27 और 28 मार्च को सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा. इस दौरान चिकित्सक अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं और आईसीयू की सेवाएं सुचारू रखेंगे. 2 घंटे कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सक अपने निवास व जांच लैब पर परामर्श और जांच बंद रखेंगे. चिकित्सकों ने अपने पत्र में चेतावनी देते हुए लिखा है कि यदि 28 तक सरकार और निजी चिकित्सक संगठनों के बीच गतिरोध दूर नहीं होता है तो 29 मार्च को चिकित्सक कोई और अन्य कदम उठाने को मजबूर होंगे.

भरतपुर. राजस्थान सरकार के राइट टू हेल्थ बिल-2023 के विरोध में आंदोलन कर रहे निजी चिकित्सकों के समर्थन में अब सरकारी चिकित्सक भी उतर आए हैं. सोमवार को संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. इस दौरान अस्पताल के आउटडोर में मरीजों की लंबी कतार लग गई, ओपीडी का इलाका मरीजों की भीड़ से भरा हुआ था परंतु चिकित्सक कार्य बहिष्कार के तहत चेंबर में बैठे थे परंतु मरीजों को नहीं देखा. हालांकि इस दौरान अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही.

आज आरबीएम जिला अस्पताल के ओपीडी में चिकित्सकों ने 2 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. सुबह 9 बजे से 11 बजे तक ओपीडी में किसी मरीज को उपचार नहीं दिया. अस्पताल पीएमओ डॉ जिज्ञासा साहनी ने बताया कि कार्य बहिष्कार सिर्फ आउटडोर पेशेंट डीपार्टमेंट (OPD) में किया गया था. इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही थीं.

हालांकि सुबह 11 बजे के बाद चिकित्सक काम पर लौट आए. तब जाकर मरीजों को थोड़ी राहत मिल पाई. हालांकि फिर भी आउट डोर में मरीजों की इतनी भीड़ थी कि मरीजों को परामर्श और उपचार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. इस दौरान कई बुजुर्ग और महिला मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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कल भी कार्य बहिष्कार
राजमेस आरएमसीटीए की और से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि चिकित्सकों की ओर से 27 और 28 मार्च को सुबह 9 बजे से सुबह 11 बजे तक दो घंटे कार्य बहिष्कार किया जाएगा. इस दौरान चिकित्सक अस्पताल में आपातकालीन सेवाएं और आईसीयू की सेवाएं सुचारू रखेंगे. 2 घंटे कार्य बहिष्कार के दौरान चिकित्सक अपने निवास व जांच लैब पर परामर्श और जांच बंद रखेंगे. चिकित्सकों ने अपने पत्र में चेतावनी देते हुए लिखा है कि यदि 28 तक सरकार और निजी चिकित्सक संगठनों के बीच गतिरोध दूर नहीं होता है तो 29 मार्च को चिकित्सक कोई और अन्य कदम उठाने को मजबूर होंगे.

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