भरतपुर. बीते कई माह से सूनी पड़ी मंडी और बंद पड़ी तेल मिलों में एक बार फिर से रौनक लौट आई है. बीते 1 सप्ताह में सरसों के भाव में आए उछाल के चलते अब किसान करीब 7 माह बाद सरसों की फसल लेकर मंडी पहुंचने लगे हैं. इससे बंद पड़ी तेल मिलें फिर से शुरू हो गई हैं. वहीं, तेलों की कीमतों में भी उछाल दर्ज किया गया है. मंडी व्यवसायियों की मानें तो अभी सरसों के भाव में और उछाल आने की संभावना है.
एक सप्ताह में 800 रुपए तक उछाल : सरसों मंडी व्यवसाई भूपेंद्र गोयल ने बताया कि (Farmers Coming to Mandi with Mustard Crops) दीपावली के बाद सरसों के भाव में अचानक से उछाल आया है. दीपावली से पहले सरसों के भाव करीब 5800 रुपए प्रति क्विंटल थे जो बढ़कर करीब 6600 रुपए तक पहुंच गए हैं. व्यवसाई गोयल की मानें तो आगामी दिनों में सरसों के भाव में और तेजी आने की संभावना है.
पढ़ें. भरतपुर की 80 फीसदी तेल मिलें ठप, 8000 मजदूरों के सामने 'रोटी' का संकट
इसलिए बढ़े भाव : व्यवसाई भूपेंद्र गोयल ने बताया कि मंडी में सरसों के अच्छे भाव नहीं (Price Rise of Mustard Crops) मिलने की वजह से जिले के किसान सरसों की फसल को रोक कर बैठे थे. इसकी वजह से मंडी के व्यापारियों और तेल मिलों में सरसों का पूरा स्टॉक खत्म हो गया. वहीं हाल ही में सरकार ने भी सरसों का समर्थन मूल्य 5050 रुपए से बढ़ाकर 5450 रुपए कर दिया. इन दोनों कारणों से अचानक से सरसों के भाव में तेजी आ गई.
7 माह बाद फसल लेकर पहुंचे किसान : कुम्हेर क्षेत्र के गांव पला निवासी किसान राजवीर ने बताया कि खेतों से सरसों की फसल उठाई तो मंडी में सही भाव नहीं मिले. ऐसे में किसानों ने मार्च से सरसों की फसल घर पर ही स्टॉक कर के रख ली थी. अब सरसों के थोड़े सही भाव मिले हैं तो सरसों बेचने मंडी आए हैं. व्यवसाई भूपेंद्र गोयल ने बताया कि दीपावली से पहले मंडी में हर दिन मुश्किल से 1000 से 1500 तक सरसों आ रही थी. लेकिन जैसे ही भाव बढ़े हैं अब मंडी में हर दिन 10 हजार कट्टे सरसों पहुंचना शुरू हो गए हैं.
सरसों की बुवाई कम : किसान राजवीर ने बताया कि इस बार अक्टूबर माह तक बरसात (Farmers Coming to mandi in Bharatpur) होने की वजह से समय पर सरसों की बुवाई नहीं हो सकी. इसकी वजह से काफी किसानों ने सरसों की जगह पर गेहूं की बुवाई कर दी है. जिन किसानों ने सरसों की फसल की बुवाई की है उनकी फसल में भी रोग लगने की संभावना है, जिससे पैदावार हल्की रह सकती है. कुल मिलाकर आगामी सीजन में सरसों की फसल उम्मीद से काफी कम रहेगी.
मिल शुरू, तेल के भाव भी बढ़े : व्यापारी भूपेंद्र गोयल ने बताया कि सरसों का स्टॉक खत्म होने की वजह से दीपावली से पहले तक करीब 80% तेल मिलें बंद पड़ गई थीं. लेकिन अब मंडी में सरसों की आवक होने से करीब करीब सभी तेल मिलें फिर से शुरू हो गई हैं. वहीं, सरसों के भाव के साथ ही सरसों के तेल के दाम भी बढ़ गई हैं. करीब दो सप्ताह पहले तक थोक में सरसों तेल के भाव 125 रुपए किलो तक थे जो बढ़कर 146 रुपए किलो तक पहुंच गए हैं.