कामां (भरतपुर). उत्तर प्रदेश के मान मंदिर बरसाना के संतों ने क्रेशर बंद करने को लेकर दी गई आंदोलन की चेतावनी के बाद लगातार विरोध शुरू हो गया है (Eunuch Challenges Saints). कामां ब्रज क्षेत्र के सप्तम पीठाधीश्वर जगतगुरु वल्लभाचार्य बृजेश कुमार महाराज ने क्रेशर बंद करने का विरोध किया और क्रेशरों का संचालन चालू रखने की अपील की. इसके बाद व्यापार महासंघ ने भी खुले शब्दों में क्रेशर संचालन का समर्थन किया.
बदलते समीकरणों के बीच अब किन्नर समाज भी मैदान में आ गया है. खुले शब्दों में क्रेशर बंद करने का विरोध किया है. किन्नर समाज का कहना है कि, आदिबद्री और करकांचल पर्वतों में खनन बंद करवाने में हम संत समाज के साथ थे लेकिन अब संत क्रेशर बंद करवाने की मांग पर अड़े हुए हैं, अगर क्रेशर बंद हो गए तो बेरोजगारी बढ़ेगी (banning stone Crusher at Bharatpur).
'राजनीति कर रहे संत': शिवानी बाई किन्नर और काजल किन्नर का कहना है कि, यूपी से आकर संत समाज कामां में राजनीति कर रहा है. संत समाज ने क्रेशर बंद करवाने के लिए 1 दिसंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है. अगर क्रेशर बंद हुए तो बेरोजगारी बढ़ेगी. बेरोजगारी बढ़ने के बाद अपराध भी बढ़ेगा. पहले संत समाज ने आदिबद्री और करकांचल पर्वतों में खनन को लेकर आंदोलन किया था.
'ये लीगल है': किन्नर कह रहे हैं कि पहले वो संत समाज के साथ थे, लेकिन अब क्रेशर बंद करवाने की मांग बिल्कुल गलत है. जो क्रेशर चल रहे हैं, वो लीगल हैं. सवाल कर रहे हैं कि क्रेशर संचालक खनन नहीं कर रहे तो उन्हें क्यों हटाया जाए? क्रेशर पर तो सिर्फ पत्थर कटिंग का काम किया जा रहा है. उसके बाद भी संत समाज क्रेशर बंद करवाने की मांग पर अड़ा हुआ है. जिसका किन्नर समाज पुरजोर विरोध कर रहा है.
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पीठाधीश्वर बोले 'मैं कोई चालू बाबा नहीं': सप्तम पीठाधीश्वर जगतगुरु वल्लभाचार्य महाराज के बयान के बाद यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय संत समाज महंत क्रेशरों के विरोध में नहीं है. स्थानीय संत समाज के लोग यह चाहते हैं कि क्षेत्र में रोजगार चलता रहे क्रेशर बंद होने के बाद क्षेत्र में बेरोजगारी उत्पन्न हो जाएगी. जगतगुरु वल्लभाचार्य महाराज ने तो सीधा सीधा यहां तक कह दिया कि मैं कोई चालू बाबाजी नहीं हूं पीठाधीश्वर हूं. जो लीगल कार्य चल रहा है उसे चलते रहने देना चाहिए क्षेत्र में क्रेशरों से ही लोगों को रोजगार मिल रहा है.
क्रेशर से रोजगार: क्रेशरों के संचालन से मध्यम वर्ग के हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है. क्रेशरों पर मजदूरी कर रहे लोगों के साथ साथ ट्रांसपोर्टरों, दुकानदारों, टायर पंचर वाले, गाड़ी मिस्त्री, सहित अन्य हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है. कई परिवार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर इससे जु़ड़े हैं. तर्क है कि इससे कइयों की आमदनी ठप्प हो जाएगी.