भरतपुर. अभेद्य दुर्ग लोहागढ़ के लिए पहचाना जाने वाला भरतपुर अब हमारे सैनिकों के लिए अभेद्य मोबाइल बंकर (bullet proof bunkers for our soldiers) भी तैयार कर रहा है. जी हां, रेलगाड़ी के वैगंस बनाने के लिए पहचाने जाने वाली टीटागढ़ वैगन फैक्ट्री अब ना केवल रेलवे क्षेत्र में बल्कि रक्षा और मेट्रो क्षेत्र में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है. अब यहां पर भारतीय सेना के लिए ट्रक माउंटेड मोबाइल बंकर के साथ ही मिसाइलों लॉन्चिंग के लिए जरूरी उपकरण भी तैयार किए जा रहे हैं.
इन उपकरणों को तैयार करने के साथ ही टीटागढ़ में मेट्रो, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत पैट्रोलियम जैसी बड़ी कंपनियों के लिए भी प्रोडक्शन किया जा रहा है. इससे उम्मीद जताई जा रही है कि एक बार फिर टीटागढ़ फैक्ट्री भरतपुर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ का काम करेगी.
ट्रकों के ऊपर फिट होने की वजह से इन बंकरों उनको जरूरत के हिसाब से अलग-अलग स्थानों पर ले जाया सकेगा. मिसाइल का उपकरण फैक्ट्री में देश की सामरिक महत्व के लिए मिसाइल की लॉन्चिंग में जरूरी माना जाने वाला एक उपकरण भी तैयार किया जा रहा है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि टीटागढ़ अब देश की रक्षा और सुरक्षा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है.
एसएआई के लिए 221 वैगन: मामराज चौधरी ने बताया स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एसएआई) की तरफ से 221 बीओवीएसएन वैगन तैयार करने का आर्डर भी मिला है. 24 करोड़ 43 लाख का यह आर्डर 6 माह में पूरा करने का लक्ष्य है. इतना ही नहीं फैक्ट्री को 35 इलेक्ट्रिक लोकोशेड तैयार करने का भी आर्डर है. इससे पहले 85 इलेक्ट्रिक लोकोशेड तैयार कर सप्लाई कर दिए गए हैं. साथ ही मेट्रो का भी बड़ा प्रोजेक्ट हाथ में है.
60 करोड़ में दो रेल: कार्यकारी निदेशक मामराज चौधरी ने बताया भारत पेट्रोलियम की ओर से हाल ही में 60 करोड़ में 34-34 वैगन की दो रेल तैयार करने के ऑर्डर मिले हैं. भारत पेट्रोलियम के लिए दोनों रेल अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है. जबकि इससे पहले भारत पेट्रोलियम के लिए ही 34-34 वैगन की चार रेल का आर्डर पूरा करके सप्लाई किया जा चुका है.
कोरोना में तैयार किए 21 ऑक्सीजन प्लांट: मामराज चौधरी ने बताया कोरोनावायरस के दौरान डीआरडीओ की ओर से 21 ऑक्सीजन प्लांट तैयार करने का ऑर्डर भी मिला था. इसमें 250 और 500 एलपीए क्षमता के प्लांट तैयार किए गए थे, जो कि डीआरडीओ की ओर से त्रिपुरा, मेघालय, बिहार, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में स्थापित किए गए.
ट्रैक्टर तैयार करने की मंशा: मामराज चौधरी ने बताया पूर्व में फैक्ट्री में अच्छी गुणवत्ता वाले 500 ट्रैक्टरों का भी निर्माण किया गया था. साथ ही जेसीबी निर्माण भी हुआ था. लेकिन किसी कारणवश दोनों उत्पादों का निर्माण बंद करना पड़ा था. लेकिन अब प्रबंधन फिर से ट्रैक्टर तैयार करने की योजना पर काम करने का विचार कर रहा है.
भरतपुर की रीढ़ साबित होगा टीटागढ़: मामराज चौधरी ने बताया जब इस फैक्ट्री का सिमको के रूप में संचालन किया जा रहा था, उस समय यहां पर 7000 स्थाई और करीब 2500 अस्थाई कर्मचारी काम करते थे. लेकिन 8 साल तक फैक्ट्री बंद होने के बाद वर्ष 2010 से इस फैक्ट्री का टीटागढ़ ने अधिग्रहण कर फिर से संचालन शुरू किया और वर्तमान में यहां पर 650 कर्मचारी अत्याधुनिक उपकरणों के साथ काम कर रहे हैं.
मामराज चौधरी ने बताया भविष्य में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर स्थापित किया जाएगा. ऐसे में हमारा लक्ष्य फैक्ट्री में ज्यादा से ज्यादा रक्षा आधारित उपकरणों का निर्माण करना है. उम्मीद जताई जा सकती है कि भविष्य में टीटागढ़ फैक्ट्री भरतपुर की अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ बनकर उभर सकती है.