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डीग के भील जनजाति हैं मूलभूत सुविधाओं से वंचित, प्रशासन पर सुनवाई नहीं करने का आरोप - डीग न्यूज

डीग की भील जनजाति आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव में जी रही है. वहीं बरसात में इनके डेरों में पानी भरने से मुश्किलें और बढ़ जाती है. भील जनाजाति का लोगों का आरोप है कि सरकार इनकी ओर कोई ध्यान नहीं देती है.

डीग न्यूज, Bhil tribe of Deeg
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर
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Published : Sep 25, 2020, 1:40 PM IST

डीग (भरतपुर). सरकार पिछड़ी और भील जनजाति को सुविधा और योजनाओं से जोड़ने की बात करती है लेकिन डीग के भील जनजाति आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. जनजाति का आरोप है कि प्रशासन की ओर से उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है.

मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर

डीग उपखंड क्षेत्र में स्थित भीलों के डेरा निवासी भील जनजाति के लोगों को आज भी साफ पीने का पानी नहीं मिल पाया है. वहीं सालों गुजर जाने के बाद भी ये लोग सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. जिससे ये लोग कच्चे रास्ते और पगडंडियों से आवागमन करने को मजबूर हैं. साथ ही निचले स्थान पर डेरा होने के कारण बरसात के दिनों में इन लोगों के डेरों में पानी भर जाता है. जिसके कारण डेरा एक टापू के रूप में दिखाई देता है. यहां रहनेवाले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.

यह भी पढ़ें. भरतपुरः सरपंच प्रत्याशियों द्वारा उड़ाई जा रही हैं नियमों की धज्जियां, प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

वहीं अगर कोई बीमार होता है तो हॉस्पिटल तक जाने को रास्ता नहीं है. जिसकी वजह से डेरा निवासियों को हर साल काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भील जनजाति के लोगों का आरोप है कि सरकारें आती हैं, चली जाती हैं.

जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आते हैं तो लंबे चौड़े वादे करके चले जाते हैं लेकिन आज तक न तो जनप्रतिनिधियों ने ही समस्याओं का समाधान किया है और न ही प्रशासनिक अधिकारी ही ध्यान दे रहे हैं. जिसका खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि उक्त स्थान उपखंड की ग्राम पंचायत अऊ के अंतर्गत है. फिलहाल, आलम ये है कि लोग सरकारी सुविधाओं सर वंचित हैं.

डीग (भरतपुर). सरकार पिछड़ी और भील जनजाति को सुविधा और योजनाओं से जोड़ने की बात करती है लेकिन डीग के भील जनजाति आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. जनजाति का आरोप है कि प्रशासन की ओर से उनकी कोई सुनवाई नहीं होती है.

मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जीने को मजबूर

डीग उपखंड क्षेत्र में स्थित भीलों के डेरा निवासी भील जनजाति के लोगों को आज भी साफ पीने का पानी नहीं मिल पाया है. वहीं सालों गुजर जाने के बाद भी ये लोग सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं. जिससे ये लोग कच्चे रास्ते और पगडंडियों से आवागमन करने को मजबूर हैं. साथ ही निचले स्थान पर डेरा होने के कारण बरसात के दिनों में इन लोगों के डेरों में पानी भर जाता है. जिसके कारण डेरा एक टापू के रूप में दिखाई देता है. यहां रहनेवाले बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.

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वहीं अगर कोई बीमार होता है तो हॉस्पिटल तक जाने को रास्ता नहीं है. जिसकी वजह से डेरा निवासियों को हर साल काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. भील जनजाति के लोगों का आरोप है कि सरकारें आती हैं, चली जाती हैं.

जनप्रतिनिधि वोट मांगने के लिए आते हैं तो लंबे चौड़े वादे करके चले जाते हैं लेकिन आज तक न तो जनप्रतिनिधियों ने ही समस्याओं का समाधान किया है और न ही प्रशासनिक अधिकारी ही ध्यान दे रहे हैं. जिसका खामियाजा इन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

गौरतलब है कि उक्त स्थान उपखंड की ग्राम पंचायत अऊ के अंतर्गत है. फिलहाल, आलम ये है कि लोग सरकारी सुविधाओं सर वंचित हैं.

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