भरतपुर. दो साल पहले एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोपी को पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 की विशिष्ट न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने बुधवार को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी को 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. आरोपी को सेवर सेंट्रल जेल दाखिल करा दिया गया.
बहला-फुसलाकर ले गया था आरोपी : विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि नदबई थाना क्षेत्र के एक गांव में 25 अक्टूबर 2021 को रात करीब 9 बजे भगवान महादेव जी का ब्यावला चल रहा था, 12 साल की नाबालिग भी ब्यावला सुनने गई थी. इस दौरान वहां 34 वर्षीय आरोपी आया और बहला-फुसला कर नाबालिग को पहाड़ियों की तरफ तालाब के पास ले गया. यहां उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. जब परिजनों को बालिका नहीं मिली, तो वे उसे तलाशते हुए तालाब की तरफ पहुंचे. ग्रामीणों को आता देख आरोपी वहां से भाग गया. परिजनों को नाबालिग बेहोश हालत में पड़ी मिली.
डीएनए और मेडिकल से सिद्ध हुआ आरोप : होश आने पर नाबालिग ने परिजनों को पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद उन्होंने नदबई थाना पुलिस में आरोपी के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ अदालत में चालान पेश किया. पीड़िता की डीएनए और मेडिकल जांच भी कराई गई. जांच रिपोर्ट में आरोपी की ओर से दुष्कर्म करना पाया गया. विशिष्ट न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने दोनों पक्षों के वकीलों की बहस सुनने के बाद गवाह और सबूत के आधार पर आरोपी को नाबालिग से दुष्कर्म करने का दोषी मानते हुए 20 साल के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.