भरतपुर. इंसान ठान ले तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता. ये सच कर दिखाया है भरतपुर जिले के (Asian Kickboxing Championship 2022) बयाना के रहने वाले पुष्पेंद्र गुर्जर ने. जिन्होंने स्लिप डिस्क और प्रैक्टिस के दौरान पैर-हाथ की उंगली में फ्रैक्चर होने के बाद भी हौसला नहीं हारा. उन्होंने अपने जुनून से किकबॉक्सिंग खेल में एक मुकाम हासिल किया है. साधारण परिवार से आने वाले पुष्पेंद्र एशियन गेम्स में 7 साल पहले ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद अब वे भारतीय टीम में शामिल होकर बैंकॉक में आयोजित होने वाले एशियन गेम्स में देश का नाम रोशन करने जा रहे हैं. पुष्पेंद्र का सपना है कि वो देश के लिए किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड लेकर आएं.
पिता करते थे डेयरी का काम : खिलाड़ी पुष्पेंद्र गुर्जर ने बताया कि उसके पिता मानसिंह गुर्जर बयाना में ही डेयरी का काम करते थे. चार भाई और एक बहन में पुष्पेंद्र सबसे छोटा है. सभी भाई बहन समझदार हुए तो घर की जिम्मेदारी संभाली और पिता को डेयरी का काम बंद कराकर आराम करने के लिए कहा. पुष्पेंद्र सबसे छोटा था इसलिए सभी भाई बहनों का भरपूर प्यार मिला.
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जीता ब्रॉन्ज मेडल : पुष्पेंद्र ने बताया कि उन्होंने 7 वीं कक्षा तक की पढ़ाई बयाना में ही (Pushpendra will Take part in Asian Kickboxing) की. इसके बाद पढ़ने के लिए जयपुर चला गया. पुष्पेंद्र ने बताया कि उसी समय बॉक्सर विजेन्द्र सिंह भारत के लिए मेडल जीत कर आए, तो किकबॉक्सिंग खेलने की इच्छा हुई. उसके बाद एसएमएस स्टेडियम में प्रैक्टिस करना शुरू किया. वर्ष 2015 में एशियन गेम्स में सिलेक्शन हुआ और देश के लिए सीनियर वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता.
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स्लिप डिस्क, पैर और हाथ की उंगली में फ्रैक्चर : पुष्पेंद्र ने बताया कि वर्ष 2018 में उनको स्लिप डिस्क की प्रॉब्लम हो गई, इसकी वजह से उन्हें लंबे समय तक बेड रेस्ट करना पड़ा. इसके बाद प्रैक्टिस के दौरान पैर में फ्रैक्चर हुआ और उसके बाद हाथ की उंगली में भी फैक्चर हो गया. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और फिर से प्रैक्टिस शुरू की. पुष्पेंद्र गुर्जर बताते हैं कि प्रैक्टिस के लिए वो हरियाणा भी गए और उसके बाद लंबे समय से सीकर में प्रैक्टिस कर रहे हैं.
18 तक बैंकॉक में गेम्स : पुष्पेंद्र ने बताया कि बीते दिनों किकबॉक्सिंग में भारतीय टीम में (Kickboxing Player Pushpendra in Asian Games) सिलेक्शन हो गया. 18 दिसंबर तक बैंकॉक में एशियन गेम्स आयोजित हो रहे हैं, जिसमें किकबॉक्सिंग की 52 सदस्यीय टीम में पुष्पेंद्र भी शामिल हैं. पुष्पेंद्र को पूरी उम्मीद है कि इस बार भी वो देश के लिए मेडल लेकर आएंगे. पुष्पेंद्र गुर्जर बताते हैं कि भारत ने कभी भी वर्ल्ड चैंपियनशिप में किकबॉक्सिंग में गोल्ड नहीं जीता. इसलिए उनका सपना है कि वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतें और देश का नाम रोशन करें.