जयपुर. राजस्थान में बीएड छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पा रही है. वहीं समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने इसका कारण बजट का कम होना बताया है. जिसके चलते छात्रवृत्ति के भरोसे अपने भविष्य संजोए निम्न आय वर्ग के परिवारों के बीएड छात्रों को निराशा हाथ लग रही है.
बीते दिनों सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने छात्रवृत्ति से जुड़े हुए तमाम पेंडिंग कामों को निपटाने के आदेश दिए, लेकिन शायद विभागीय अधिकारियों ने पेंडेंसी खत्म करने का मतलब कुछ और ही समझ गए. यही वजह है कि वो छात्रवृत्ति के मामलों को बजट खत्म होने बात कहकर टाला जा रहा है.
मामला बीएड छात्रों के स्कॉलरशिप का है, जिसके लिए एसटी/एससी और ओबीसी वर्ग के छात्रों ने जनवरी में आवेदन किया था. कई छात्रों को 27800 रुपए की छात्रवृत्ति मिल भी गई है, लेकिन एक बहुत बड़ी संख्या उन छात्रों की है जो जून तक भी अपनी छात्रवृत्ति के लिए समाज कल्याण विभाग के चक्कर काट रहे हैं. यही नहीं ओबीसी वर्ग के कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत जब शिकायत पोर्टल पर की. उन्हें ये कहा जा रहा है कि ओबीसी छात्रों के लिए बजट समाप्त हो गया है. 30 फीसदी छात्रों को छात्रवृत्ति बांट दी गई है.
फिलहाल बजट कम होने बात कहकर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता जवाबदेही से बचा सकता है, लेकिन उन गरीब परिवारों के छात्रों का क्या, जो इसी छात्रवृत्ति के भरोसे बीएड की तैयारी कर रहे हैं.