बाड़मेर. जिला कारागृह के 126 बंदियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिला कारागृह को ही अस्थाई कोविड केयर सेंटर बना दिया गया है. जहां सभी संक्रमितों को आइसोलेट किया गया है. वहीं बुधवार को कैदियों का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कैदी जेल प्रशासन पर सही से कोरोना जांच नहीं करवाने सहित कई गंभीर आरोप लगा रहे थे. वीडियो में उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे होने की भी बात कही है.
इस पूरे मामले को लेकर गुरुवार को बाड़मेर जिला कलेक्टर विश्राम मीणा ने बैठक लेकर टीम गठित कर उक्त मामले में जांच करने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर ने बताया कि जेल बंदियों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि जेल में बंदियों के पास मोबाइल कहां से आया, इसकी जांच की जाएगी. जेल में निषेध वस्तुएं पहुंची हैं, यह मामला बेहद गंभीर है और वायरल वीडियो में बंदी कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. इसके लिए टीम गठित कर जांच करने के निर्देश दिए हैं. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर ने बताया कि वायरल वीडियो में बंदियों द्वारा भूख हड़ताल की जो बात कही जा रही थी, वह बिल्कुल गलत है. जेल के बंदी खाना खा रहे हैं. भूख हड़ताल जैसी कोई बात नहीं है. पूरे जेल को सैनिटाइज करवाया गया है. चिकित्सकों की टीमें भी जेल में लगाई गई है, जो बंदियों की नियमित जांच कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि वायरल वीडियो में कैदी जेलर सुमेर सिंह गुर्जर पर आरोप लगा रहे थे कि वे उनकी जांच नहीं करवा रहे हैं और ना ही उन्हें भर्ती करवाया जा रहा है. साथ ही कैदियों का आरोप है कि जेलर सुमेर सिंह कैदियों को गुगरा घाटी जेल भिजवाने की धमकी दे रहे हैं. इसके अलावा कैदी वीडियो के जरिए कुछ अधिकारियों से जेल के अंदर बने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने की भी बात कर रहे हैं. इसके अलावा एक बंदी ने वीडियो जारी कर यहां तक कह दिया है कि वह तब तक भूख हड़ताल पर रहेंगे, जब तक उनकी जायज मांगें मानी नहीं जाती. साथ ही उसने जेलर और एक अन्य पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है.