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बाड़मेर: डम्पिंग यार्ड के प्रदूषण से परेशान ग्रामीण करेंगे भूख हड़ताल - राजस्थान ताजा हिंदी खबरें

बाड़मेर शहर से करीब 5 किलोमीटर दूर नगर परिषद द्वारा गेहूं गांव में कचरा निस्तारण डम्पिंग यार्ड के प्रदूषण की वजह से परेशानी झेल रहे ग्रामीणों ने 1 अप्रैल से भूख हड़ताल की घोषणा कर दी है. ग्रामीणों ने रविवार को प्रेसवार्ता का आयोजन कर बाड़मेर नगर परिषद और जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है.

villagers strike in Barmer, garbage disposal in Barmer
डम्पिंग यार्ड के प्रदूषण से परेशान ग्रामीण करेंगे भूख हड़ताल
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Published : Mar 22, 2021, 6:57 AM IST

बाड़मेर. जिला मुख्यालय से करीबन 5 किलोमीटर दूर स्थित गेहूं गांव में नगर परिषद बाड़मेर द्वारा ठोस कचरा निस्तारण से हो रहे प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने अब नगर परिषद और जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर दी है. रविवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर आगामी 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की है.

डम्पिंग यार्ड के प्रदूषण से परेशान ग्रामीण करेंगे भूख हड़ताल

ग्रामीणों के अनुसार गेहूं गांव में संचालित ठोस कचरा निस्तारण प्लांट का संचालन गलत तरीके से एवं नियमों को ताक पर रखकर पिछले 16 वर्षों से संचालित किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रामीण कई बार प्रशासन व अधिकारियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन आज दिन तक कोई भी उपचारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है.

श्रीनाथ सेना के प्रवीण सिंह आगोर ने बताया कि यदि 31 मार्च तक यदि उक्त ठोस कचरा निस्तारण प्लांट को लेकर कोई उपचारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो अपनी स्वेच्छा से 1 अप्रैल से जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे. स्थानीय नरपत सिंह गेहूं ने बताया कि 8 जुलाई 2020 को एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) कोर्ट दिल्ली की भोपाल बेंच द्वारा ओए नं 82/2018 यह आदेश पारित किया गया कि गेंहू ग्राम में संचालित ठोस कचरा निस्तारण प्लांट का संचालन सोलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट 2016 के नियमों के अनुसार किया जाए यदि नगर परिषद ऐसा करने में विफल रहती है, तो राज्य प्रदूषण बोर्ड जिम्मेदार विभाग पर अर्थदण्ड लगाए.

पढ़ें- डूंगरपुर के सागवाड़ा में 22 मार्च से नाइट कर्फ्यू

बावजूद इसके यह कचरा प्लांट सारे नियमों को नजरअन्दाज करते हुए गलत रूप से रहवासी ढाणियों के पास संचालित हो रहा है. जिससे ग्रामीण नरक जैसा जीवन यापन करने का मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रदूषण से स्थानीय लोगों को बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. वहीं पशुओं की भी पॉलीथीन खाने से आए दिन मौत हो रही है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर परिषद जिला प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. ऐसे में मजबूरन 30 मार्च तक ऐसा कोई समाधान नहीं हुआ तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी.

बाड़मेर. जिला मुख्यालय से करीबन 5 किलोमीटर दूर स्थित गेहूं गांव में नगर परिषद बाड़मेर द्वारा ठोस कचरा निस्तारण से हो रहे प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे स्थानीय लोगों ने अब नगर परिषद और जिला प्रशासन से आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर दी है. रविवार को प्रेस वार्ता का आयोजन कर आगामी 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की घोषणा की है.

डम्पिंग यार्ड के प्रदूषण से परेशान ग्रामीण करेंगे भूख हड़ताल

ग्रामीणों के अनुसार गेहूं गांव में संचालित ठोस कचरा निस्तारण प्लांट का संचालन गलत तरीके से एवं नियमों को ताक पर रखकर पिछले 16 वर्षों से संचालित किया जा रहा है. इस संबंध में ग्रामीण कई बार प्रशासन व अधिकारियों को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन आज दिन तक कोई भी उपचारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है.

श्रीनाथ सेना के प्रवीण सिंह आगोर ने बताया कि यदि 31 मार्च तक यदि उक्त ठोस कचरा निस्तारण प्लांट को लेकर कोई उपचारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो अपनी स्वेच्छा से 1 अप्रैल से जिला मुख्यालय पर भूख हड़ताल के साथ धरना प्रदर्शन करेंगे. स्थानीय नरपत सिंह गेहूं ने बताया कि 8 जुलाई 2020 को एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) कोर्ट दिल्ली की भोपाल बेंच द्वारा ओए नं 82/2018 यह आदेश पारित किया गया कि गेंहू ग्राम में संचालित ठोस कचरा निस्तारण प्लांट का संचालन सोलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट 2016 के नियमों के अनुसार किया जाए यदि नगर परिषद ऐसा करने में विफल रहती है, तो राज्य प्रदूषण बोर्ड जिम्मेदार विभाग पर अर्थदण्ड लगाए.

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बावजूद इसके यह कचरा प्लांट सारे नियमों को नजरअन्दाज करते हुए गलत रूप से रहवासी ढाणियों के पास संचालित हो रहा है. जिससे ग्रामीण नरक जैसा जीवन यापन करने का मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि इस प्रदूषण से स्थानीय लोगों को बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. वहीं पशुओं की भी पॉलीथीन खाने से आए दिन मौत हो रही है. स्थानीय लोगों द्वारा कई बार नगर परिषद जिला प्रशासन को अवगत करवाने के बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं. ऐसे में मजबूरन 30 मार्च तक ऐसा कोई समाधान नहीं हुआ तो 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल पर बैठने की चेतावनी दी.

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