बाड़मेर. कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन को एक महीने से अधिक का समय हो गया है. ऐसे में बीच रास्ते में फंसे प्रवासी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने प्रवासियों को अलग-अलग आश्रयलय में ठहराया है. अब केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद प्रवासी लोगों को घर भेजने की कवायद चल रही है.
जिसके चलेत बाड़मेर जिले के प्रवासी लोगों को छोड़ने के लिए रोडवेज ने अपनी व्यवस्थाएं पूरी कर ली है. जिला प्रशासन की रिक्वायरमेंट के अनुसार बसों की व्यवस्था की जा रही है. बाड़मेर के केंद्रीय और रोडवेज बस डिपो की प्रतिदिन करीबन 7-8 गाड़ी जिले के अलग-अलग क्षेत्रों के आश्रम में ठहराए गए प्रवासी लोगों को राजस्थान की सीमा तक छोड़ने में लगी हुई है.
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बाड़मेर रोडवेज के मुख्य प्रबंधक उमेश नागर ने बताया कि प्रतिदिन 7 से 8 गाड़ियां जिले के बालोतरा, बायतु और विभिन्न जगहों के आश्रय स्थलों पर ठहरे प्रवासी लोगों को जिला प्रशासन की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार उन्हें उनके गंतव्य स्थल राजस्थान की सीमा तक पहुंचा रही हैं.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की रिक्वायरमेंट के अनुसार बाड़मेर आगार की ओर से बसों की व्यवस्था करवाई जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी लोगों की पूरी प्रक्रिया होने के बाद उन्हें रोडवेज की बस से गंतव्य स्थल तक राजस्थान की सीमा में छोड़ा जा रहा है. जिससे वे लोग अपने-अपने घरों तक आसानी से पहुंच जाएं.
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रोडवेज ने प्रवासी लोगों को छोड़ने को लेकर बसों की व्यवस्था पूरी कर दी है. जिला प्रशासन की ओर से जिस तरह बसों की रिक्वायरमेंट आती है उस अनुसार बसों की व्यवस्था तुरंत कर दी जाती है. जिसके बाद प्रवासी लोगों को गंतव्य स्थल तक छोड़ा जा रहा है.
उमेश नागर ने बताया कि कई प्रवासी लोग बस स्टैंड पर आए हुए हैं. उन्हें अब सूचीबद्ध तरीके से उनके गंतव्य स्थल तक छोड़ा जाएगा. जानकारी के अनुसार अब तक बाड़मेर से 605 प्रवासी लोगों को अपने घर भेज दिया गया है. मध्य प्रदेश के लिए 591, उत्तर प्रदेश के लिए 11 और महाराष्ट्र के लिए 3 प्रवासियों को भेजा गया है.