बाड़मेर. राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है. सबसे दिलचस्प है मुकाबला कांग्रेस के गढ़ बाड़मेर पर देखने को मिल रहा है. जहां पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ग्रामीण इलाकों में जाकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों को चुनौती दे रही है. हाल ही में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेशध्यक्ष ने 11 जिला अध्यक्षों की घोषणा की, जिसमें बाड़मेर का नाम भी साथ में था. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने बाड़मेर जिले में जिलाध्यक्ष उदाराम मेघवाल को अपनी बागडोर सौंपी है.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष उदाराम मेघवाल ने दावा किया है कि इस बार हम किंगमेकर की भूमिका में होंगे. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बीजेपी का पूरी तरीके से वजूद खत्म हो गया है, जिस तरीके से हमने थोड़े समय में ही विधानसभा चुनाव लड़ा था. उसके बावजूद भी लाखों से ज्यादा वोट हमें मिले थे. इस समय ग्रामीण इलाकों में युवा लगातार राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं. हमने 21 पंचायत समितियों पर 11 लोगों की टीमें बनाकर पैनल तैयार करने का काम शुरू कर दिया है.
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उन्होंने कहा कि सबसे खास बात यह है कि हमारी लड़ाई में सबसे ज्यादा घाटा बीजेपी को होगा. बीजेपी का ना तो पंचायत समिति में कोई प्रधान बनेगा और जिला परिषद में तो उनका अस्तित्व ही पूरी तरीके से खत्म हो चुका है. जहां पर भी दो या तीन पंचायत समिति सदस्य हमारे चुन कर आएंगे. उदाराम मेघवाल ने कहा कि हम किंगमेकर की भूमिका में आ जाएंगे. मेरा यह दावा है कि बिना हमारे किसी भी तरीके का कोई भी प्रधान या जिला प्रमुख नहीं बनेगा.
गौरतलब है कि बाड़मेर जिला परिषद और पंचायती राज दोनों कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. जिला परिषद चुनाव में अब तक बीजेपी कांग्रेस के वोट बैंक पर सेंधमारी नहीं कर पाई है, लेकिन अब जिस तरीके से बीजेपी और आरएलपी का गठबंधन टूटा है, उसका खामियाजा भी बीजेपी को पंचायती राज चुनाव में उठाना पड़ सकता है. ऐसे में बीजेपी के लिए तो और मुश्किल लड़ाई है.