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पूर्व विदेश मंत्री के निधन से समर्थकों में शोक की लहर, दी श्रद्धाजंलि

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Published : Sep 27, 2020, 4:29 PM IST

देश के कद्दावर नेताओं में से एक पूर्व वित्त, विदेश और रक्षामंत्री जसवंत सिंह जसोल का निधन रविवार सुबह हुआ. ऐसे में समाजसेवी राम सिंह बोथिया और बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की. साथ ही इसे बाड़मेर के लिए अपूरणीय क्षति बताया.

जसवंत सिंह के निधन से शोक की लहर, mourning over death of Jaswant Singh
जसवंत सिंह के निधन से शोक की लहर

बाड़मेर. पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल के निधन के बाद से लगातार उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने का सिलसिला जारी है. ऐसे में समाजसेवी राम सिंह बोथिया और बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने भी इस निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त किया. साथ ही इस निधन को बाड़मेर के लिए अपूरणीय क्षति बताया.

जसवंत सिंह के निधन से शोक की लहर

वहीं उनकी मौत से अगर सबसे ज्यादा आघात किसी को पहुंचा है, तो वह बाड़मेर जिले के नेता राम सिंह बोथिया है. राम सिंह बोथिया ने कहा कि उन्होंने जसवंत सिंह जसोल को बहुत ही करीबी से देखा है और उनसे बहुत कुछ सीखा है

राम सिंह बोथिया ने कहा कि जब जसवंत सिंह जसोल के साथ उनकी पहली मुलाकात हुई थी. उसके बाद से ही वह उनके बहुत बड़े प्रशंसक बन गए थे और उनके बाद लगातार चाहे उनके बेटे मान वेंद्र सिंह का चुनाव हो या 2014 का लोकसभा चुनाव हो वह लगातार उनके साथ रहकर उनकी रणनीति और उनके विचारों के बारे में लगातार ग्रहण करते रहे. बोथिया ने कहा कि जसवंत सिंह जसोल अपने विपक्ष के बारे में कभी भी कोई टीका टिप्पणी नहीं करते थे और उनकी यही बात उन्हें राजस्थानी नहीं पूरे देश ही नहीं पूरे विश्व में खास बनाती है.

पढ़ेंः पूर्व रक्षा मंत्री जसवंत सिंह का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि जसवंत सिंह जसोल के निधन से बाड़मेर जिले को गहरी क्षति पहुंची है. जसवंत सिंह जसोल बाड़मेर में ही नहीं बल्कि राजस्थान का विकास करने में अहम भूमिका निभाई थी. साथ ही सेना में रहकर देश के लिए जो एक अलग से पहचान बनाई थी. इसी कारण से जसवंत सिंह जसोल राजनीति के साथ ही सेना में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर रहेंगे.

बाड़मेर. पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह जसोल के निधन के बाद से लगातार उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने का सिलसिला जारी है. ऐसे में समाजसेवी राम सिंह बोथिया और बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने भी इस निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त किया. साथ ही इस निधन को बाड़मेर के लिए अपूरणीय क्षति बताया.

जसवंत सिंह के निधन से शोक की लहर

वहीं उनकी मौत से अगर सबसे ज्यादा आघात किसी को पहुंचा है, तो वह बाड़मेर जिले के नेता राम सिंह बोथिया है. राम सिंह बोथिया ने कहा कि उन्होंने जसवंत सिंह जसोल को बहुत ही करीबी से देखा है और उनसे बहुत कुछ सीखा है

राम सिंह बोथिया ने कहा कि जब जसवंत सिंह जसोल के साथ उनकी पहली मुलाकात हुई थी. उसके बाद से ही वह उनके बहुत बड़े प्रशंसक बन गए थे और उनके बाद लगातार चाहे उनके बेटे मान वेंद्र सिंह का चुनाव हो या 2014 का लोकसभा चुनाव हो वह लगातार उनके साथ रहकर उनकी रणनीति और उनके विचारों के बारे में लगातार ग्रहण करते रहे. बोथिया ने कहा कि जसवंत सिंह जसोल अपने विपक्ष के बारे में कभी भी कोई टीका टिप्पणी नहीं करते थे और उनकी यही बात उन्हें राजस्थानी नहीं पूरे देश ही नहीं पूरे विश्व में खास बनाती है.

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कांग्रेस के विधायक मेवाराम जैन ने कहा कि जसवंत सिंह जसोल के निधन से बाड़मेर जिले को गहरी क्षति पहुंची है. जसवंत सिंह जसोल बाड़मेर में ही नहीं बल्कि राजस्थान का विकास करने में अहम भूमिका निभाई थी. साथ ही सेना में रहकर देश के लिए जो एक अलग से पहचान बनाई थी. इसी कारण से जसवंत सिंह जसोल राजनीति के साथ ही सेना में अपनी अलग पहचान के लिए मशहूर रहेंगे.

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