बाड़मेर. शहर के इंदिरा नगर स्थित मोकली भाखर राजकीय प्राथमिक विद्यालय का पुराना भवन जर्जर हालत में है, जिसे ध्वस्त करने की कार्रवाई को लेकर स्थानीय जन प्रतिनिधियों और स्कूल प्रशासन ने कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत करवाया है. लेकिन कोई भी इसे गंभीरता से लेता हुआ फिलहाल नजर नहीं आ रहा, जिसके चलते कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता.
स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर उस पुरानी बिल्डिंग के आगे कटीली झाड़ियां लगा रखी हैं, ताकि कोई भी छोटे बच्चे वहां न जा पाए. शहर के इंदिरा नगर स्थित मोकली भाकर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कक्षा 5वीं तक के 30 बच्चे अध्यनरत हैं. यह विद्यालय फिलहाल नवनिर्मित भवन में संचालित किया जा रहा है. लेकिन इस विद्यालय का पुराना भवन काफी जर्जर हालत में है. उससे हादसे की आशंका बनी रहती है.
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विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पुष्पा चौधरी ने बताया कि विद्यालय का पुराना भवन जर्जर हालात में है, जो कभी भी किसी हादसे का कारण बन सकता है. इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवा दिया है. उन्होंने बताया कि यह पुराना भवन काफी जर्जर हालात में है, जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है. उन्होंने अपने स्तर पर विद्यालय के पुराने भवन के आगे कटीली झाड़ियां डलवा दी हैं, ताकि बच्चे वहां न जाएं और कोई हादसे का शिकार न हो. उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस पुराने भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई करवाई जानी चाहिए, ताकि कोई हादसा न हो.
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स्थानीय जन प्रतिनिधि नरपत सिंह धारा ने बताया कि उन्होंने भी इस विद्यालय के पुराने भवन को ध्वस्त कराने के लिए संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया है. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस भवन को ध्वस्त नहीं किया गया तो किसी दिन कोई बड़ा हादसा घटित हो सकता है. उस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. उनके अनुसार विद्यालय के साथ-साथ आसपास के बच्चे भी यहां खेलने आ जाते हैं, ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है. फिलहाल स्कूल शिक्षिकाओं के द्वारा पुराने भवन के आगे कटीली झाड़ियां लगा दी हैं, ताकि कोई वहां न जाए.
उन्होंने कहा कि प्रशासन को जल्द इस भवन को ध्वस्त कर नए भवन का निर्माण कार्य करवा देना चाहिए. प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने इस पुराने भवन को ध्वस्त करने की मांग को लेकर कई बार जिम्मेदार अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करवाया. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कुंभकरण की नींद में हैं. अगर समय रहते वह नहीं चेते तो किसी बड़े हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता. इसलिए जिम्मेदार अधिकारियों को बिना किसी हादसे के इंतजार की जल्द ही इस विद्यालय के पुराने भवन को ध्वस्त करने की कार्रवाई को अंजाम देना चाहिए.
बता दें कि इस विद्यालय में कक्षा 5वीं तक के 30 बच्चों का नामांकन है और प्रधानाध्यापिका सहित 2 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से विद्यालय के नए भवन में तीन रूम हैं. उनमें से दो में 5वीं तक की कक्षाएं संचालित की जाती हैं और एक में स्कूल कार्यालय स्थापित किया गया. बच्चों के पोषाहार के लिए अस्थाई रसोई बनाई गई है.