बाड़मेर. राजस्थान में कई जगहों पर सरपंच पदों के लिए चुनाव का दौर चल रहा है. सरकार ने महिलाओं को घूंघट हटाकर मतदान करने की अपील की है. ऐसे में कई जगहों पर महिलाएं सरकार की इस अपील को मान रही हैं और अपने चुनाव प्रचार के दौरान ग्रामीण महिलाओं से घूंघट हटाने के लिए कह रही हैं.
हमारे संस्कार हमेशा हमारे साथ हैं
यकीनन यह नजारा बेहद खास है, वह भी ग्रामीण इलाकों में, जहां पर हमेशा से घुंघट प्रथा चलती आ रही है, लेकिन अब इसकी तस्वीर बदलने लगी है. इन महिलाओं का कहना है, कि हमारे संस्कार हमेशा हमारे साथ हैं, लेकिन अब घूंघट से बाहर आकर हमें अपने समाज और गांव के लिए कुछ करने का समय आ गया है. जिसके लिए घूंघट प्रथा को खत्म करना होगा.
कई जगह हो रहा इस अभियान का विरोध
एक तरफ तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत घूंघट प्रथा को खत्म करने के लिए पूरा अभियान चला रहे हैं. वहीं कई जगह पर इस अभियान का विरोध भी हो रहा है, लेकिन ज्यादातर गांव में इस अभियान का स्वागत भी किया जा रहा है.
बड़े बुजुर्गों का सम्मान
बड़े बुजुर्ग महिलाओं का कहना है, कि जमाना बदल गया है. अब हम अपनी बहन, बेटियों और बहुओं को घूंघट में नहीं रखना चाहते हैं. लिहाजा वह अपने संस्कार हमेशा अपने पास रखें, बड़े बुजुर्गों का सम्मान करें. यही हमारे लिए सबसे बड़ी बात होगी.
बता दें, कि राजस्थान में पंचायती राज चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में इस सर्दी के माहौल में भी राजनीति का पारा गरम है. वहीं महिलाओं का आरक्षण होने के कारण अब महिलाएं भी जमकर चुनाव प्रचार करती नजर आ रही हैं. जिसके चलते महिलाएं गांव और ढाणियों में ट्रैक्टर पर बैठकर घूंघट हटाकर वोट मांगती नजर आ रही हैं.
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महिलाओं का कहना है, कि जिस तरीके से समय के साथ साक्षरता बढ़ रही है. ऐसे में अब हमें भी घूंघट प्रथा को पीछे छोड़कर पुरुषों के बराबर गांव के विकास में भागीदारी के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा, कि गांवों वालों को ऐसी सरपंच नहीं चाहिए जो नाम मात्र की सरपंच हो, कोई काम नहीं करती है. और उसकी जगह पुरुष काम करते हैं