बाड़मेर. जिला मुख्यालय बाड़मेर पर विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस मामलात सुशील कुमार जैन ने एनडीपीएस एक्ट के तहत अफीम तस्करी के करीबन 4 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही एक - एक लाख रुपए के जुर्माने से दण्डित किया.
विशिष्ठ लोक अभियोजक जसवंत बोहरा ने बताया कि 12 अप्रैल 2017 को सुबह करीब 6 बजे पुलिस थाना धोरीमन्ना को जानकारी मिली की केशाराम उर्फ कैलाशचन्द्र जाट काफी समय से अफीम दूध की तस्करी करता है. जो अभी चितौड़गढ़ गया हुआ है और उसके आज वापस आने की सम्भावना है. जिस पर धारा 42(1) एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई प्रारम्भ कर नाकाबंदी प्रारम्भ की और सुबह करीब 8 बजे एक व्यक्ति पैदल आता हुआ दिखाई देने पर उसकी पहचान कैलाश चन्द्र के रूप में हुई.
जिसके बाद पुलिस की ओर से उसे दस्तयाब कर गिरफ्तार किया. जिसके पास से 4 किलो अफीम का दूध बरामद हुआ. अनुसंधान के दौरान अफीम का दूध जमनालाल से खरीदना बताया गया. जिस पर उसे भी प्रकरण में मुलजिम मानते हुए अनुसंधान कर चालान माननीय न्यायालय में पेश किया गया.
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उन्होंने बताया कि दोराने विचारण माननीय न्यायालय के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 16 गवाह और 64 दस्तावेज और 8 आर्टिकल परीक्षित और करवाए गए. न्यायालय ने साक्ष्य समाप्ति के बाद दोनों पक्ष की बहस सुनकर माननीय न्यायाधीश सुशील कुमार जैन ने आज इस प्रकरण में देानों मुलजिमों को कैलाशचन्द्र जाट पुत्र खेताराम निवासी खोतावास अरणीयाली धोरीमन्ना बाड़मेर और जमनालाल पुत्र लखमीचन्द्र ब्राहम्ण निवासी- भाटोली चितौड़गढ को अन्तर्गत धारा 8/18, 29 एनडीपीएस एक्ट में अफीम तस्करी का दोषी मानते हुए 10-10 साल का कठोर कारावास और 1-1 लाख रुपए के जुर्माने से दण्डित किया. इस प्रकरण में सरकार की ओर से विशिष्ठ लोक अभियोजक जसवंत बोहरा और मुलजिम की ओर से काछबाराम खोथ ने पैरवी की.