चौहटन (बाड़मेर). राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के लिए सरकार की ओर से बनाया गया रोडवेज बस स्टैंड तेरह साल बाद भी उपयोगी नहीं बन पाया है. करोड़ों की जमीन पर बना रोडवेज बस स्टैंड महज नशेड़ियों का अड्डा, पशुओं की शरण स्थली और कबाड़खाना बनकर रह गया है. यहां दिन भर नशेड़ी और आवारा बदमाशों का जमावड़ा बना रहता है.
पांच बीघा जमीन पर बने इस बस स्टैंड परिसर में जहां तहां कंटीली झाड़ियां पसर गई हैं. वहीं आवारा पशुओं ने इसे अपना शरणगाह बना दिया है. रोडवेज बसों के सुरक्षित आवाजाही और आमजन की सुविधाओं के लिए तेरह साल पहले बस स्टैंड का निर्माण करवाया गया था, लेकिन इस रोडवेज बस स्टैंड को बसों के आने का आज भी इंतजार बना हुआ है. आज भी कस्बे के बीचोंबीच मुख्य सड़क रोडवेज की बसें खड़ी रहती हैं, जिससे दिन भर यातायात अवरुद्ध बना रहता है. कई बार यहां वाहनों का जाम लग जाने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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करोड़ों की जमीन पर लाखों रुपये खर्च कर तेरह साल पहले बनकर तैयार हुए नए भवन का फीता काटकर शुभारम्भ किया था. उसके बाद रोडवेज प्रशासन ने कभी मुड़कर भी नहीं देखा. कमोबेश चौहटन का नया रोडवेज बस स्टैंड आज भी बसों का इंतजार कर रहा है. वहीं यह महज नशेड़ियों और आवारागर्दी का अड्डा बनकर रह गया है. यहां बना सुन्दर मुख्य द्वार टूटकर बिखर गया है. देखरेख के अभाव में कमरे और वेटिंग हॉल जर्जर होने लगे हैं. वहीं कुछ कमरों और ऑफिस को कुछ लोगों ने अपना निजी कबाड़ खाना बना दिया है. कस्बेवासियों सहित ग्राम पंचायत ने इस बस स्टैंड का सुचारू संचालन करने के लिए रोडवेज प्रबंधन और प्रशासन से मांग दोहराई है.