बाड़मेर. राजस्थान में लूणी नदी पर अतिक्रमण को लेकर हमेशा से जंग चलती रहती है. आलम ये है कि राजस्थान के बाड़मेर जिले में निकलने वाली लूणी नदी पर पिछले कई सालों से लगातार भूमाफिया दिन-ब-दिन अतिक्रमण करते जा रहे हैं. जिसके चलते लूणी नदी पूरी तरीके से प्रभावित हो रही है.
इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय लोगों ने सरकार और प्रशासन को जगाया, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं था. लिहाजा 2015 में आरटीआई कार्यकर्ता सुमेर लाल शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि किस तरीके से सैकड़ों साल पुरानी नदी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
भूमाफिया चंद पैसों के लिए प्रदूषण के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और उसी को लेकर उस समय उपखंड अधिकारी बालोतरा के नेतृत्व में हाईकोर्ट के निर्देश पर टीम गठित की थी. उस समय 90 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे.
आरटीआई एक्टिविस्ट सुमेर लाल शर्मा ने बताया कि उस समय लड़ाई सहित अन्य अधिकारियों ने 90 अतिक्रमण चिन्हित किए थे. हाईकोर्ट की ओर से इन अतिक्रमण को हटाने के आदेश 2015 में दे दिए गए थे, लेकिन प्रशासन और सरकार की अनदेखी के चलते 5 साल बीत जाने के बाद भी ये अतिक्रमण नहीं हटाए गए.
आखिर हाईकोर्ट ने इस बात से नाराजगी जाहिर करते हुए सोमवार को बाड़मेर के जिला कलेक्टर और एसपी को तलब किया था. इस पर मंगलवार को बाड़मेर के जिला कलेक्टर विश्राम मीणा और पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने हाईकोर्ट में बताया कि आखिर क्यों इतने समय से अतिक्रमण ध्वस्त नहीं हुए और अब किस तरीके से आने वाले दिनों में प्रशासन प्रतिदिन इन अतिक्रमण को हटाने के लिए ताबड़तोड़ कार्रवाई करेगा. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद लूणी नदी के आसपास रहने वालों हड़कंप मच गया है.
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आलम ये है कि सभी अतिक्रमणकारी अब स्टे लाने के लिए कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर भी हाईकोर्ट ने दो टूक शब्दों में कलेक्टर रजिस्ट्री को बोल दिया है कि इस मामले में कोई भी निचली अदालत सुनवाई नहीं करेगी, अगर कोई इस मामले में अपनी आपत्ति दर्ज करवाना चाहता है तो वो हमारे पास आए.
सूत्रों के अनुसार बाड़मेर के कलेक्टर और एसपी ने अब इस अतिक्रमण को हटाने के लिए पूरी तरीके से कमर कस ली है और इसके लिए बकायदा अतिरिक्त जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है जो कि आने वाले दिनों में ताबड़तोड़ कार्रवाई करके लूणी नदी के आसपास बसे अतिक्रमण पर कार्रवाई करेगी.