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बारां : खंडहर में तब्दील हुई 524 मकानों की कॉलोनी...कैसे होगा लोगों का बसेरा - RAJASTHAN'

जिले के गजनपुरा इलाके में आवासन मंडल द्वारा उपलब्ध कराई गई कॉलोनी अब पूरी तरह से खंडहर में बदल चुकी है. इसकी कोई भी सुध लेने वाला नहीं है. इस कॉलोनी में बने मकानों की दीवार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यहां की खिड़कियां, दरवाजे कुछ तो चोर चुराकर ले गए हैं और कुछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं, मकानों के अंदर फर्श पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं.

खंडहर में तब्दील हुई 524 मकानों की कॉलोनी
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Published : May 28, 2019, 8:20 PM IST

बारां. कोटा रोड पर गजनपुरा इलाके में स्थित आवासन मंडल द्वारा आवंटित की गई कॉलोनी अब पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है. यहां लोगों का रहना ना केवल मुश्किल है बल्कि नामुमकिन भी है. ऐसे में जिन लोगों को यहां आवासन मंडल द्वारा मकान आवंटित किए गए थे, वो अब इसकी दुर्दशा को लेकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

खंडहर में तब्दील हुई 524 मकानों की कॉलोनी

बता दें, यहां बने मकानों की स्थिति ऐसी है कि इन्हें देख कर कोई मकान की संज्ञा तो दे ही नहीं सकता. बल्कि, अगर कोई अनजान व्यक्ति इस इलाके से गुजरे तो आवासन मंडल के इन मकानों को खंडहर ही समझेगा. इस कॉलोनी में बने मकानों की दीवार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यहां की खिड़कियां, दरवाजे कुछ तो चोर चुराकर ले गए हैं और कुछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं, मकानों के अंदर फर्श पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं. यहां पानी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है. पूर्व में बिजली व्यवस्था के लिए यहां पर ट्रांसफर लगाया गया था, लेकिन वह भी कुछ ही दिनों में हटा दिया है. ऐसे में अब यहां पर आने वाले लोग केवल इन मकानों को अनैतिक कार्यों के उपयोग में ले रहे हैं. असामाजिक तत्वों ने इन मकानों को नशे का अड्डा बना लिया है.

वहीं, आवासन मंडल द्वारा कॉलोनी में मकान आवंटित करने के बाद अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है. जिसके कारण जिन लोगों को यह मकान आवंटित हुए हैं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. साथ ही आवासन मंडल के विरुद्ध भी लोगों में भयंकर गुस्सा है. जिन लोगों को मकान आवंटित किए गए हैं उनकी मांग है कि यहां रहने के लिए उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं. साथ ही मकानों का रखरखाव भी किया जाए और एक गार्ड भी यहां उपलब्ध करवाया जाए ताकि मकानों की सुरक्षा हो सके.

बारां. कोटा रोड पर गजनपुरा इलाके में स्थित आवासन मंडल द्वारा आवंटित की गई कॉलोनी अब पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है. यहां लोगों का रहना ना केवल मुश्किल है बल्कि नामुमकिन भी है. ऐसे में जिन लोगों को यहां आवासन मंडल द्वारा मकान आवंटित किए गए थे, वो अब इसकी दुर्दशा को लेकर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

खंडहर में तब्दील हुई 524 मकानों की कॉलोनी

बता दें, यहां बने मकानों की स्थिति ऐसी है कि इन्हें देख कर कोई मकान की संज्ञा तो दे ही नहीं सकता. बल्कि, अगर कोई अनजान व्यक्ति इस इलाके से गुजरे तो आवासन मंडल के इन मकानों को खंडहर ही समझेगा. इस कॉलोनी में बने मकानों की दीवार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है. यहां की खिड़कियां, दरवाजे कुछ तो चोर चुराकर ले गए हैं और कुछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं, मकानों के अंदर फर्श पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं. यहां पानी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है. पूर्व में बिजली व्यवस्था के लिए यहां पर ट्रांसफर लगाया गया था, लेकिन वह भी कुछ ही दिनों में हटा दिया है. ऐसे में अब यहां पर आने वाले लोग केवल इन मकानों को अनैतिक कार्यों के उपयोग में ले रहे हैं. असामाजिक तत्वों ने इन मकानों को नशे का अड्डा बना लिया है.

वहीं, आवासन मंडल द्वारा कॉलोनी में मकान आवंटित करने के बाद अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है. जिसके कारण जिन लोगों को यह मकान आवंटित हुए हैं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. साथ ही आवासन मंडल के विरुद्ध भी लोगों में भयंकर गुस्सा है. जिन लोगों को मकान आवंटित किए गए हैं उनकी मांग है कि यहां रहने के लिए उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं. साथ ही मकानों का रखरखाव भी किया जाए और एक गार्ड भी यहां उपलब्ध करवाया जाए ताकि मकानों की सुरक्षा हो सके.

Intro:बारा :- कोटा रोड पर गजनपुरा इलाके में स्थित आवासन मंडल द्वारा आवंटित की गई कॉलोनी अब पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है यहां लोगों का रहना ना केवल मुश्किल है बल्कि नामुमकिन भी है यहां ना तो मूलभूत सुविधाएं हैं और ना ही वह सुविधाएं जिनका वादा आवासन मंडल द्वारा मकान आवंटन के पूर्व किया गया था ऐसे में जिन लोगों को यहां आवासन मंडल द्वारा मकान आवंटित किए गए थे वह अब इसकी दुर्दशा को लेकर खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं

यहां बने मकानों की स्थिति ऐसी है कि इन्हें देख कर कोई मकान की संज्ञा तो दे ही नहीं सकता बल्कि अगर कोई अनजान व्यक्ति इस इलाके से गुजरे तो आवासन मंडल के इन मकानों को खंडहर ही समझेगा


Body:इस कॉलोनी में बने मकानों की दीवार है पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है यहां के खिड़की दरवाजे कुछ तो चोर चुराकर ले गए हैं और कुछ पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं मकानों के अंदर फर्श पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे पड़े हुए हैं यहां पानी के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है पूर्व में बिजली व्यवस्था के लिए यहां पर ट्रांसफर लगाया गया था लेकिन वह भी कुछ ही दिनों में हटा दिया गया है ऐसे में अब यहां पर आने वाले लोग केवल इन मकानों को अनैतिक कार्यों के उपयोग में ले रहे हैं असामाजिक तत्वों ने इन मकानों को नशे का अड्डा बना लिया है यहां दिनभर शराबी जाम छलकाते हुए देखे जा सकते हैं


Conclusion:आवासन मंडल द्वारा कॉलोनी में मकान आवंटित करने के बाद अभी तक कोई सुध नहीं ली गई है जिसके कारण जिन लोगों को यह मकान आवंटित हुए हैं खुद को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं साथ ही आवासन मंडल के विरुद्ध भी लोगों में भयंकर गुस्सा है

जिन लोगों को मकान आवंटित किए गए हैं उनकी मांग है कि यहां रहने के लिए उन्हें मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए साथ ही मकानों का रखरखाव भी किया जाए और एक गार्ड भी यहां उपलब्ध करवाया जाए ताकि मकानों की सुरक्षा हो सके

बाइट 01 देवकीनंदन महामंत्री आवासीय मंडल कॉलोनी

बाइट 02 राधेश्याम अग्रवाल पूर्व मैनेजर नागरिक सहकारी बैंक

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