बांसवाड़ा. कोरोना संक्रमित के परिजनों की ओर से डॉक्टर को धमकाने का मामला सामने आया है. बता दें कि परिजन डॉक्टर के घर पहुंच गए और रिपोर्ट को छिपाने का दबाव डालते हुए डॉक्टर को धमकाने से भी बाज नहीं आए.
इस सूचना के बाद से कोविड-19 की चिकित्सा टीम के सदस्यों में रोष उत्पन्न हो गया और सभी सदस्य जिला प्रशासन पहुंच गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा ने तत्काल प्रभाव से एसपी को कार्रवाई के निर्देश दिए. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
परिजनों ने डॉक्टर पर बनाया दबाव...
रति तलाई क्षेत्र के एक संक्रमित की तबीयत खराब होने पर 19 जून को उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया था. यहां से ट्रीटमेंट देने के बाद उसे उदयपुर रेफर किया गया, लेकिन परिजन उसे इलाज के लिए बड़ौदा ले गए. अगले दिन रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद परिजन उसे बांसवाड़ा ले आए. इस बीच किसी ने चिकित्सा विभाग को सूचना दे दी कि संक्रमित के परिवार में से निमेष मेहता सहित कुछ लोग डॉ. देवेश गुप्ता के घर पहुंचे और रिपोर्ट को नेगेटिव बताकर कांटेक्ट हिस्ट्री वाले लोगों को घर पर ही रखने का दबाव बनाया.
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जिसके बाद डॉ. देवेश गुप्ता ने इंकार कर दिया तो परिजनों ने डॉ. को देख लेने की धमकी दी. डॉ. गुप्ता की सूचना पर डिप्टी कंट्रोलर डॉ. वीरेंद्र चरपोटा और अन्य डॉक्टर एडीएम के पास पहुंचे और उनके समक्ष अपनी बात रखी. मामला तत्काल जिला कलेक्टर के पास पहुंच गया और कलेक्टर ने पुलिस अधीक्षक से मामले में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
उधर शाम को चिकित्सा विभाग की टीम संक्रमित युवक के घर पहुंची और कांटेक्ट में आने वाले सभी 13 लोगों को महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया. उनके सैंपल लिए जा रहे हैं. कांटेक्ट में आने वाले सभी 13 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है.