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बांसवाड़ाः विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मयारियों का धरना जारी, उग्र आंदोलन की चेतावनी

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Published : Oct 30, 2020, 6:17 PM IST

अजमेर विद्युत वितरण निगम ने बांसवाड़ा वृत्त को निजी हाथों में सौंपने का फैसला लिया है. जिसको लेकर विद्युत विभाग के कर्मचारी पिछले 10 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, शुक्रवार को कर्मचारी संगठनों ने इस प्रस्ताव को निरस्त नहीं करने की स्थिति में सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

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बांसवाड़ा में विद्युत कर्मयारियों का धरना जारी

बांसवाड़ा. अजमेर विद्युत वितरण निगम द्वारा किए जा रहे बांसवाड़ा वृत्त के निजीकरण के विरोध में चल रहा कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन थमता दिखाई नहीं दे रहा. आज इस धरना प्रदर्शन को चलते हुए 11 दिन हो गए हैं. वहीं, कर्मचारी संगठनों ने इस प्रस्ताव को निरस्त नहीं करने की स्थिति में सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

भारतीय मजदूर संघ इंटक और विद्युत कर्मचारी तकनीकी एसोसिएशन भी इस मसले पर एक मंच पर आ गई है. सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ तीनों ही संगठन मैदान में डटे हैं. ऐसे में संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए सरकार के इस निर्णय के खिलाफ पिछले 10 दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 11 दिन में प्रवेश कर गया. क्रमिक धरना प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को कर्मचारियों ने विद्युत निगम प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

ये भी पढ़ेंः बांसवाड़ा ट्रिपल मर्डर : देवेंद्र की मौत में दफन हो गए सारे राज...अब संभावनाओं के पिटारे में सच की तलाश

कर्मचारियों को इस बात का मलाल है कि कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. इसके बावजूद एमबीसी और एफआरसी का कार्य निजी कंपनी को दिया जा रहा है. जोकि, कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी परेशानी भरा साबित होगा. संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष भगवती लाल डिंडोर ने बताया कि जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हमारी आवाज सरकार नहीं सुनती तो, हम इसे उग्र रूप देने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

बांसवाड़ा. अजमेर विद्युत वितरण निगम द्वारा किए जा रहे बांसवाड़ा वृत्त के निजीकरण के विरोध में चल रहा कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन थमता दिखाई नहीं दे रहा. आज इस धरना प्रदर्शन को चलते हुए 11 दिन हो गए हैं. वहीं, कर्मचारी संगठनों ने इस प्रस्ताव को निरस्त नहीं करने की स्थिति में सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

भारतीय मजदूर संघ इंटक और विद्युत कर्मचारी तकनीकी एसोसिएशन भी इस मसले पर एक मंच पर आ गई है. सरकार के इस प्रस्ताव के खिलाफ तीनों ही संगठन मैदान में डटे हैं. ऐसे में संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए सरकार के इस निर्णय के खिलाफ पिछले 10 दिन से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुक्रवार को 11 दिन में प्रवेश कर गया. क्रमिक धरना प्रदर्शन के दौरान शुक्रवार को कर्मचारियों ने विद्युत निगम प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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कर्मचारियों को इस बात का मलाल है कि कर्मचारी पूरी ईमानदारी से अपना काम कर रहे हैं. इसके बावजूद एमबीसी और एफआरसी का कार्य निजी कंपनी को दिया जा रहा है. जोकि, कर्मचारियों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी परेशानी भरा साबित होगा. संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष भगवती लाल डिंडोर ने बताया कि जब तक सरकार इस फैसले को वापस नहीं ले लेती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हमारी आवाज सरकार नहीं सुनती तो, हम इसे उग्र रूप देने से भी पीछे नहीं हटेंगे.

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