बांसवाड़ा. बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों की रोकथाम के लिए उदयपुर संभाग में पुलिस नवाचार करने जा रही है. इसके तहत कम्युनिटी पुलिसिंग टू बिल्ड ट्रस्ट एंड अवेयरनेस मिशन हाथ में लिया गया है. यूनिसेफ की मदद से चलाए जाने वाले इस अभियान में 4 विभाग एक साथ काम करेंगे. जिनकी अगुवाई पुलिस विभाग करेगा.
इसके तहत बीट कांस्टेबल से लेकर पुलिस अधिकारी तक स्कूलों में जाएंगे. वहां बच्चों से वार्ता कर ना केवल उनकी समस्याओं को जानेंगे. बल्कि उनके साथ होने वाली आपराधिक वारदातों से किस प्रकार निपटा जा सकता है. उनकी इस समस्या के निराकरण में सरकार की कौन-कौन सी एजेंसी की मदद ली जा सकती है, इस बारे में उन्हें मित्रता के वातावरण में जानकारी दी जाएगी.
इसका मुख्य उद्देश्य समुदाय के सहयोग से बच्चों के लिए ऐसा वातावरण बनाना है. जहां वे सुरक्षित और प्रसन्नता महसूस कर सकें. साथ ही पुलिस के प्रति जो डर का माहौल है. उसके स्थान पर मित्रता और विश्वास कायम किया जा सकें. राजस्थान में यूनिसेफ की मदद से उदयपुर संभाग में यह अभियान नवाचार के तौर पर शुरू किया जा रहा है. महिला बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा समाज कल्याण विभाग और पुलिस विभाग मुख्य भूमिका में होंगे. जिनका नेतृत्व पुलिस विभाग करेगा.
पुलिस विभाग के कार्मिक विद्यालयों में पहुंचकर बच्चों से बातचीत करेंगे. उनकी समस्याओं से रूबरू होंगे और बच्चों के प्रति अपराध के बारे में बताकर उन्हें उनसे निपटने के लिए जिला मुख्यालय पर कार्यरत एजेंसीज के बारे में भी जानकारी देंगे. उनकी पुलिस तक आसानी से पहुंच के लिए भी वातावरण बनाया जाएगा. इस दौरान सीएलजी सदस्य भी उनके साथ रहेंगे. यूनिसेफ की बाल संरक्षण सलाहकार उदयपुर संभाग सिंधु बीनू जीत के अनुसार नवाचार के तौर पर उदयपुर संभाग को उसके लिए चुना गया है. 10 जून को बांसवाड़ा में पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगी. इस कार्यक्रम के तहत पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की क्या क्या भूमिका रहेगी इस बारे में उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा.