बांसवाड़ा. जिले में 20 दिन पहले मोटा गांव थाना इलाके में एक प्रेमी युगल के फांसी के फंदे से खुदकुशी के मामले में सोमवार को नया मोड़ आ गया. बुनकर और मेघवाल समाज के लोग अलग-अलग समूह में कलेक्ट्रेट पहुंचे और दोनों ने एक सुर में सुर मिलाते हुए पुलिस की सुसाइड थ्योरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि युगल की हत्या की गई थी, लेकिन पुलिस मामले को जानबूझकर आत्महत्या बताने में जुटी है.
बता दें कि 4 सितंबर को रावणा देलवाड़ा गांव में कर्ण पुत्र देवीलाल बुनकर और मनीषा पुत्री कन्हैया लाल मेघवाल के शव देवीलाल के पुराने घर में झूलते पाए गए थे. पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या मानते हुए तफ्तीश कर रही है.
पिता फरियादी, काका से करवा लिए कोरे कागज पर साइन
वहीं, मामले के करीब 20 दिन बाद बड़ी संख्या में बुनकर समाज के लोग सोमवार दोपहर में बांसवाड़ा पहुंचे. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी. मौन रैली के रूप में बैनर्स के साथ समाज के लोगों ने पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए कहा कि मृतक कर्ण के पिता की रिपोर्ट के बावजूद पुलिस ने उसके काका ताराचंद के कोरे कागज पर साइन करवा लिए और देवीलाल की रिपोर्ट को नजरअंदाज करते हुए मर्ग कायम कर जांच से किनारा कर लिया. एसपीआर जिला कलेक्टर के नाम अपने ज्ञापन में इस मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम से जांच कराने का आग्रह किया गया.
समाज का नेतृत्व कर रहे शांतिलाल ने कहा कि हमने पुलिस को संबंधित मामले में ठोस सबूत भी दिए लेकिन पुलिस इसे आत्महत्या करार देने पर तुली है. उन्होंने चेतावनी दी कि 7 दिन में निष्पक्ष जांच नहीं की गई तो समाज के लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे.
मृतका के पिता बोले- पुलिस जांच पर संतुष्ट नहीं
दोपहर बाद मृतका मनीषा मेघवाल के पिता कन्हैया लाल समाज के लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां जिला पुलिस अधीक्षक और जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन में आरोप लगाया कि इस मामले में पुलिस जांच संतोषजनक नहीं है. मौके पर युवक-युवती के पांव जमीन पर मुड़े हुए थे और वहीं रस्सी की गांठ भी ढीली पाई गई. इसे देखते हुए हत्या के बाद दोनों को लटकाए जाने की आशंका है. लेकिन पुलिस तफ्तीश आत्महत्या साबित करने से आगे नहीं बढ़ रही है.
मृतका के पिता कन्हैयालाल ने पुलिस जांच पर असंतोष जताते हुए कहा कि पुलिस इसे आत्महत्या बता रही है. उन्होंने कहा कि जबकि घटनास्थल पर ऐसे कई सबूत पाए गए जिसमें यह पूरा मामला हत्या का लग रहा है.