बांसवाड़ा. जिले के माही बांध जल वितरण समितियों की मगंलवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि खूब नाराज नजर आए. शाम करीब 4:00 बजे जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बैठक प्रारंभ हुई.
इस दौरान घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने माही बांध की दोनों ही नहरों की सफाई का मसला उठाया. उनका आरोप था कि आखिर नहरों में पानी छोड़ने से पहले उनकी सफाई का काम क्यों शुरू नहीं किया जाता. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि सफाई नहीं होने के कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है. जिला प्रमुख रेशमा मालवीय ने भी उनकी शिकायत का समर्थन किया. बता दें कि संबंधित पंचायत समिति क्षेत्रों में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर द्वारा मस्टरोल समय पर जारी नहीं किए जाते इस कारण सफाई का यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा है.
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कलेक्टर नेहरा ने माही परियोजना के अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित वीडियो से बात करें और इस बारे में जिला परिषद के सीईओ को शिकायत दर्ज कराएं. इसके बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर मुझे अवगत कराया जाए. बैठक के दौरान पानी छोड़ने के सवाल पर भी किसानों और जनप्रतिनिधियों के मध्य गरमा गरमी देखी गई. किसान नेता रणछोड़ पाटीदार सहित किसानों ने 15 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का आग्रह किया.
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वहीं कृषि अनुसंधान केंद्र बांसवाड़ा के जोनल डायरेक्टर डॉ पी आर रोकड़िया द्वारा गेहूं मक्का के साथ मूंग की फसल लेने के लिए 15 अप्रैल तक नहर में पानी छोड़े जाने की आवश्यकता जताई गई. अंततः बैठक में 10 नवंबर से बाईं मुख्य नहर में पानी छोड़े जाने पर सहमति जताई गई. बैठक में अधिशासी अभियंता जैसी वर्मा सहित माही और सिंचाई विभाग की अधिकारी मौजूद थे.