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माही बांध जल वितरण समितियों की कलेक्ट्रेट में हुई बैठक, उठा नहरों की सफाई का मसला - Banswara Collectorate

बांसवाड़ा जिले के माही बांध जल वितरण समितियों की मगंलवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि खूब नाराज नजर आए. नहरों में पानी छोड़ने से पहले सफाई नहीं किए जाने को लेकर विभागीय कामकाज पर सवाल जवाब किए गए.

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Published : Oct 22, 2019, 10:17 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के माही बांध जल वितरण समितियों की मगंलवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि खूब नाराज नजर आए. शाम करीब 4:00 बजे जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बैठक प्रारंभ हुई.

माही बांध जल वितरण समितियों की कलेक्ट्रेट में हुई बैठक

इस दौरान घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने माही बांध की दोनों ही नहरों की सफाई का मसला उठाया. उनका आरोप था कि आखिर नहरों में पानी छोड़ने से पहले उनकी सफाई का काम क्यों शुरू नहीं किया जाता. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि सफाई नहीं होने के कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है. जिला प्रमुख रेशमा मालवीय ने भी उनकी शिकायत का समर्थन किया. बता दें कि संबंधित पंचायत समिति क्षेत्रों में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर द्वारा मस्टरोल समय पर जारी नहीं किए जाते इस कारण सफाई का यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा है.

पढ़ेंः बांसवाड़ा: नेत्र शिविर में 780 लोगों की नि:शुल्क हुई आंखों की जांच, 193 मरीजों का होगा ऑपरेशन

कलेक्टर नेहरा ने माही परियोजना के अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित वीडियो से बात करें और इस बारे में जिला परिषद के सीईओ को शिकायत दर्ज कराएं. इसके बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर मुझे अवगत कराया जाए. बैठक के दौरान पानी छोड़ने के सवाल पर भी किसानों और जनप्रतिनिधियों के मध्य गरमा गरमी देखी गई. किसान नेता रणछोड़ पाटीदार सहित किसानों ने 15 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का आग्रह किया.

पढ़ेंः करवा चौथ : तीन पत्नियों ने एक ही पति के लिए रखा व्रत...मांगी लंबी उम्र की दु

वहीं कृषि अनुसंधान केंद्र बांसवाड़ा के जोनल डायरेक्टर डॉ पी आर रोकड़िया द्वारा गेहूं मक्का के साथ मूंग की फसल लेने के लिए 15 अप्रैल तक नहर में पानी छोड़े जाने की आवश्यकता जताई गई. अंततः बैठक में 10 नवंबर से बाईं मुख्य नहर में पानी छोड़े जाने पर सहमति जताई गई. बैठक में अधिशासी अभियंता जैसी वर्मा सहित माही और सिंचाई विभाग की अधिकारी मौजूद थे.

बांसवाड़ा. जिले के माही बांध जल वितरण समितियों की मगंलवार को कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि खूब नाराज नजर आए. शाम करीब 4:00 बजे जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बैठक प्रारंभ हुई.

माही बांध जल वितरण समितियों की कलेक्ट्रेट में हुई बैठक

इस दौरान घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा, गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने माही बांध की दोनों ही नहरों की सफाई का मसला उठाया. उनका आरोप था कि आखिर नहरों में पानी छोड़ने से पहले उनकी सफाई का काम क्यों शुरू नहीं किया जाता. पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि सफाई नहीं होने के कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा है. जिला प्रमुख रेशमा मालवीय ने भी उनकी शिकायत का समर्थन किया. बता दें कि संबंधित पंचायत समिति क्षेत्रों में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर द्वारा मस्टरोल समय पर जारी नहीं किए जाते इस कारण सफाई का यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा है.

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कलेक्टर नेहरा ने माही परियोजना के अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित वीडियो से बात करें और इस बारे में जिला परिषद के सीईओ को शिकायत दर्ज कराएं. इसके बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर मुझे अवगत कराया जाए. बैठक के दौरान पानी छोड़ने के सवाल पर भी किसानों और जनप्रतिनिधियों के मध्य गरमा गरमी देखी गई. किसान नेता रणछोड़ पाटीदार सहित किसानों ने 15 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का आग्रह किया.

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वहीं कृषि अनुसंधान केंद्र बांसवाड़ा के जोनल डायरेक्टर डॉ पी आर रोकड़िया द्वारा गेहूं मक्का के साथ मूंग की फसल लेने के लिए 15 अप्रैल तक नहर में पानी छोड़े जाने की आवश्यकता जताई गई. अंततः बैठक में 10 नवंबर से बाईं मुख्य नहर में पानी छोड़े जाने पर सहमति जताई गई. बैठक में अधिशासी अभियंता जैसी वर्मा सहित माही और सिंचाई विभाग की अधिकारी मौजूद थे.

Intro:बांसवाड़ाl माही बांध जल वितरण समितियों की आज कलेक्ट्रेट में हुई बैठक में विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर जनप्रतिनिधि और किसान प्रतिनिधि खूब नाराज नजर आएl नहरों में पानी छोड़ने से पहले सफाई नहीं किए जाने को लेकर विभागीय कामकाज पर सवाल जवाब किए गएl युद्ध स्तर पर नहरों की सफाई करवाने के आश्वासन के बाद नहरों में 10 नवंबर से पानी छोड़े जाने का निर्णय किया गयाl


Body:शाम करीब 4:00 बजे जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा की अध्यक्षता में बैठक प्रारंभ हुईl घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने माही बांध की दोनों ही नहरों की सफाई का मसला उठायाl उनका आरोप था कि आखिर नहरों में पानी छोड़ने से पहले उनकी सफाई का काम क्यों शुरू नहीं किया जाताl पिछले कई सालों से देखा जा रहा है कि सफाई नहीं होने के कारण पानी टेल तक नहीं पहुंच रहा हैl जिला प्रमुख रेशमा मालवीय ने भी उनकी शिकायत का समर्थन कियाl इस दौरान यह बात सामने आएगी विभाग के पास बर्बाद के लिए अलग से कोई फंड नहीं है और मनरेगा के तहत यह काम चलाया जा रहा हैl संबंधित पंचायत समिति क्षेत्रों में ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर द्वारा मस्टरोल समय पर जारी नहीं किए जाते इस कारण सफाई का यह काम गति नहीं पकड़ पा रहा हैl


Conclusion:कलेक्टर नेहरा ने माही परियोजना के अधिकारियों से कहा कि वे संबंधित वीडियो से बात करें और इस बारे में जिला परिषद के सीईओ को शिकायत दर्ज कराएंl इसके बाद भी ध्यान नहीं दिए जाने पर मुझे अवगत कराया जाएl बैठक के दौरान पानी छोड़ने के सवाल पर भी किसानों और जनप्रतिनिधियों के मध्य गरमा गरमी देखी गईl किसान नेता रणछोड़ पाटीदार सहित किसानों ने 15 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने का आग्रह किया जबकि जिला प्रमुख और विधायक सागवाड़ा तक पानी पहुंचाने के लिए 10 नवंबर से पानी छोड़े जाने इमाम फराडे रहेl कृषि अनुसंधान केंद्र बांसवाड़ा के जोनल डायरेक्टर डॉ पी आर रोकडिया द्वारा गेहूं मक्का के साथ मूंग की फसल लेने के लिए 15 अप्रैल तक नहर में पानी छोड़े जाने की आवश्यकता जताई गईl अंततः बैठक में 10 नवंबर से बाईं मुख्य नहर में पानी छोड़े जाने पर सहमति जताई गईl बैठक में अधिशासी अभियंता जैसी वर्मा सहित माही और सिंचाई विभाग की अधिकारी मौजूद थेl माही परियोजना के अधीक्षण अभियंता बीआर खोईवाल ने बताया कि 10 नवंबर से 15 अप्रैल तक चार बार सिंचाई के लिए नहरों में पानी छोड़ा जाएगाl इससे पहले पूरी तरह से सफाई करने का प्रयास किया जाएगाl

बाइट..... पीआर खोईवाल अधीक्षण अभियंता माही परियोजना
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