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Exclusive: 'पड़ोसी देशों में प्रताड़ित लोगों में अधिकांश दलित, CAA उनके कल्याण के लिए'

तीन दिवसीय बांसवाड़ा दौरे पर आए विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि CAA की महत्ता को बताने के लिए अब संत समाज देश के गांव-गांव में भ्रमण करेगा. CAA की क्या अच्छाइयां हैं और क्या हकीकत है इस बारे में लोगों को जागरुक करेगा.

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मिलिंद परांडे से Exclusive बातचीत...
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Published : Jan 31, 2020, 12:03 PM IST

बांसवाड़ा. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे तीन के बांसवाड़ा दौरे पर हैं. ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत कर जाना कि आखिर राम मंदिर निर्माण को लेकर परिषद का क्या सपना है.?

मिलिंद परांडे से Exclusive बातचीत...

अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ट्रस्ट के गठन और मंदिर निर्माण में परिषद की भूमिका के सवाल पर परांडे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबंध है. केंद्र सरकार इसे लेकर जो भी कार्रवाई करेगी, परिषद पूरा सहयोग करेगा.

पढ़ें. जस्थान में पहली बार दरियाई घोड़े का जोड़ा देगा खुशखबरी, वन्यजीव चिकित्सक रख रहे विशेष ध्यान

केंद्र सरकार में राम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण से जुड़े कई लोग हैं. सरकार ट्रस्ट गठन का काम अपने स्तर पर करने के लिए स्वतंत्र है. हम यह चाहते हैं कि मंदिर निर्माण में जो भी छोटी-बड़ी रुकावटें आएगी, उन्हें सरकार जल्द से जल्द हटाने का काम करेगी.

परांडे ने कहा, हमारा मानना है कि मंदिर निर्माण का मामला आस्था से जुड़ा हुआ है. ऐसे में मंदिर निर्माण संबंधी जो भी व्यवस्थाएं हो, उसमें सरकारी और राजनीतिक घुसपैठ न हो. निर्माण का कार्य सरकार के स्थान पर समाज के लोगों के जरिए हो. समाज से धनराशि इकट्ठा कर मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जाना चाहिए.

पढ़ें: टिड्डी अटैक V/S स्कूली बच्चे...टिड्डियों को भगाकर ही माने

परिषद की ये भी मांग है कि पुराने प्रारूप के अनुसार ही मंदिर का निर्माण हो, क्योंकि यही प्रारूप आंदोलन के दौरान देश के हर गांव गली पहुंचा था. सबसे बड़ा पहलू ये है कि प्रारूप के अनुरूप सालों से पत्थरों की गढ़ाई का काम चल रहा है और 60 प्रतिशत पत्थर गढ़े जा चुके हैं.

CAA के विरोध में मुस्लिमों को दलितों के एक वर्ग के समर्थन पर परांडे ने अफसोस जताते हुए कहा, इस कानून को समझने की जरूरत है. हकीकत में यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों के लिए लाया गया है. इन देशों में प्रताड़ित होने वाले लोगों में अधिकांश अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित है. ये कानून एससी और एसटी के प्रताड़ित लोगों के कल्याण के लिए लाया गया है, जिसे समझने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि, इस कानून की महत्ता को बताने के लिए अब संत समाज देश के गांव-गांव में भ्रमण करेगा और CAA की क्या अच्छाइयां हैं और क्या हकीकत है. इस बारे में लोगों को जागरूक करेगा.

बांसवाड़ा. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे तीन के बांसवाड़ा दौरे पर हैं. ईटीवी भारत ने उनसे बातचीत कर जाना कि आखिर राम मंदिर निर्माण को लेकर परिषद का क्या सपना है.?

मिलिंद परांडे से Exclusive बातचीत...

अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ट्रस्ट के गठन और मंदिर निर्माण में परिषद की भूमिका के सवाल पर परांडे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबंध है. केंद्र सरकार इसे लेकर जो भी कार्रवाई करेगी, परिषद पूरा सहयोग करेगा.

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केंद्र सरकार में राम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण से जुड़े कई लोग हैं. सरकार ट्रस्ट गठन का काम अपने स्तर पर करने के लिए स्वतंत्र है. हम यह चाहते हैं कि मंदिर निर्माण में जो भी छोटी-बड़ी रुकावटें आएगी, उन्हें सरकार जल्द से जल्द हटाने का काम करेगी.

परांडे ने कहा, हमारा मानना है कि मंदिर निर्माण का मामला आस्था से जुड़ा हुआ है. ऐसे में मंदिर निर्माण संबंधी जो भी व्यवस्थाएं हो, उसमें सरकारी और राजनीतिक घुसपैठ न हो. निर्माण का कार्य सरकार के स्थान पर समाज के लोगों के जरिए हो. समाज से धनराशि इकट्ठा कर मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जाना चाहिए.

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परिषद की ये भी मांग है कि पुराने प्रारूप के अनुसार ही मंदिर का निर्माण हो, क्योंकि यही प्रारूप आंदोलन के दौरान देश के हर गांव गली पहुंचा था. सबसे बड़ा पहलू ये है कि प्रारूप के अनुरूप सालों से पत्थरों की गढ़ाई का काम चल रहा है और 60 प्रतिशत पत्थर गढ़े जा चुके हैं.

CAA के विरोध में मुस्लिमों को दलितों के एक वर्ग के समर्थन पर परांडे ने अफसोस जताते हुए कहा, इस कानून को समझने की जरूरत है. हकीकत में यह कानून पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों के लिए लाया गया है. इन देशों में प्रताड़ित होने वाले लोगों में अधिकांश अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित है. ये कानून एससी और एसटी के प्रताड़ित लोगों के कल्याण के लिए लाया गया है, जिसे समझने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि, इस कानून की महत्ता को बताने के लिए अब संत समाज देश के गांव-गांव में भ्रमण करेगा और CAA की क्या अच्छाइयां हैं और क्या हकीकत है. इस बारे में लोगों को जागरूक करेगा.

Intro:बांसवाड़ा। विश्व हिंदू परिषद के महामंत्री मिलिंद परांडे तीन दिवसीय प्रवास पर बांसवाड़ा में हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में परिषद की भूमिका बेहद अहम रहने के आसार है। इसे लेकर ईटीवी भारत ने उसे बातचीत कर जाना कि आखिर राम मंदिर निर्माण को लेकर परिषद का क्या सपना है?


Body:अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ट्रस्ट के गठन और मंदिर निर्माण में परिषद की भूमिका संबंधी सवाल पर परांडे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद भव्य मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबंध है और केंद्र सरकार इसे लेकर जो भी कार्रवाई करेगा परिषद पूरा सहयोग करेगी। केंद्र सरकार में राम जन्मभूमि आंदोलन और मंदिर निर्माण से जुड़े कई लोग हैं। सरकार ट्रस्ट गठन आदि का काम अपने स्तर पर करने को स्वतंत्र है। हम यह चाहते हैं कि मंदिर निर्माण में जो भी छोटे बड़े बैरिकेट्स आए उन्हें सरकार जल्द से जल्द हटाने का काम करें। एक सवाल पर परिषद महामंत्री ने कहा कि हमारा मानना है कि मंदिर निर्माण का मामला आस्था से जुड़ा हुआ है। ऐसे में मंदिर निर्माण संबंधी जो भी व्यवस्थाएं हो उसमें सरकारी और राजनीतिक घुसपैठ नहीं हो। निर्माण का कार्य सरकार के स्थान पर समाज के लोगों के जरिए हो। समाज से धनराशि एकत्र कर मंदिर का निर्माण कार्य करवाया जाना चाहिए।


Conclusion:परिषद की यह भी मांग है कि पुराने प्रारूप के अनुसार ही मंदिर का निर्माण हो क्योंकि यही प्रारूप आंदोलन के दौरान देश के हर गांव गली पहुंचा था। सबसे बड़ा पहलू यह है कि प्रारूप के अनुरूप वर्षों से पत्थरों की गढ़ाई का काम चल रहा है और 60% पत्थर गढ़े जा चुके हैं। ऐसे में हमारा मानना है कि पुराने प्रारूप के अनुसार उन पत्थरों से ही मंदिर का निर्माण कराया जाए। नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में मुस्लिमों को दलित लोगों के एक वर्ग के समर्थन पर परांडे ने अफसोस जताते हुए कहा कि इस कानून को समझने की जरूरत है। हकीकत में यह कानून पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित लोगों के लिए लाया गया है और इन देशों में प्रताड़ित होने वाले लोगों में अधिकांश अनुसूचित जाति और जनजाति से संबंधित है। यह कानून तो एससी एसटी के प्रताड़ित लोगों के कल्याण के लिए लाया गया है जिसे समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस कानून की महत्ता को बताने के लिए अब संत समाज देश के गांव-गांव में भ्रमण करेगा और इसकी क्या अच्छाइयां हैं इसकी क्या हकीकत है इस बारे में लोगों को जागरूक करेगा।

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