बांसवाड़ा. आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा को एक नई पहचान मिलने वाली है. यहां के आम की मिठास को देश और दुनिया तक पहुंचाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन 7 से 9 जून तक बांसवाड़ा शहर में मैंगो फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहा है.
पर्यटन विकास के क्रम में लगाए जा रहे मैंगो फेस्टिवल में देश और दुनिया को बांसवाड़ा में पाए जाने वाले 17 देसी किस्म के आम की मिठास से रूबरू कराया जाएगा. राजस्थान में इस तरह का यह पहला आयोजन है. हालांकि यहां 46 प्रजातियों के आम उपलब्ध हैं. लेकिन इनमें से 17 प्रकार की देसी प्रजातियां हैं. इनका स्वाद हाइब्रिड से अलग ही प्रकार का है.
जिला कलेक्टर आशीष गुप्ता की प्लानिंग के तहत फेस्टिवल में आम के उत्पादों से जुड़े व्यापारियों और स्वयं सहायता समूह तथा अन्य व्यवसाय की बृहद प्रदर्शन का भी आयोजन रखा गया है. यहां आने वाले लोगों को 10 देसी प्रजातियों का रसास्वादन करने का भी अवसर मिलेगा. वहीं कैरी पन्ना आम, पापड़ अचार आम, पाक अमृता आम की आइसक्रीम, मैंगो डोली, आमचूर आम, मुरब्बा आदि उत्पाद भी रियायती दर पर उपलब्ध होंगे.
कृषि अनुसंधान केंद्र के संभागीय निदेशक और आयोजन के मुख्य समन्वयक डॉ. प्रमोद रोकड़िया के निर्देशन में अधिकारियों द्वारा आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गई है. डॉ. रोकड़िया के अनुसार जिले में 3500 हेक्टेयर क्षेत्र में आम की खेती हो रही है. इनमें 100 से अधिक ऑर्गेनिक बगीचे हैं. वहीं पुराने समय से देसी किस्मों के आम के पेड़ लगे हुए हैं. जिले में 35 हजार टन आम की पैदावार होती है. इन्हें मार्केट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन मैंगो फेस्टिवल का आयोजन कर रहा है. बाद में इसे और वृहद रूप दिया जाएगा. कुल 46 प्रकार के आम जिले में उपलब्ध है, जिनमें से 17 प्रकार की देसी प्रजातियां हैं. देसी प्रजातियों को संरक्षित रखने के लिए जीन बैंक नई दिल्ली में इनका रजिस्ट्रेशन करवा रखा है.