बांसवाड़ा. शहर में दिनों दिन बढ़ते कोरोना रोगियों का खौफ हर व्यक्ति में घर करता जा रहा है. इसका असर रोडवेज पर भी नजर आ रहा है. जहां सोमवार को निशुल्क यात्रा का प्रावधान होने के बावजूद महिलाओं ने यात्रा से दूरी ही बनाए रखें. हालत यह थी कि प्रतिदिन का यात्रा भार भी नजर नहीं आया. हालांकि रोडवेज प्रशासन द्वारा बसों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई थी, लेकिन 15 से लेकर 20 प्रतिशत महिला यात्री भी नजर नहीं आई है.
राजस्थान सरकार द्वारा रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए रविवार रात 12 बजे से सोमवार रात 12 बजे तक महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का प्रावधान रखा गया है. इसके बावजूद बांसवाड़ा रोडवेज आगार पर सन्नाटा पसरा रहा. यहां इक्का-दुक्का महिलाएं ही नजर आई. यह महिलाएं भी बहुत आवश्यक होने के कारण ही पहुंची है. पता चला है कि अधिकांश लोगों ने अपने निजी वाहन को प्राथमिकता दी है.
अपने निजी वाहनों से महिलाएं दो-तीन दिन पहले से ही अपने-अपने गंतव्य पर पहुंच गई है. इसका मुख्य कारण यह माना जा रहा है कि वैसे ही रोडवेज द्वारा कम बसों का संचालन किया जा रहा है और फ्री यात्रा होने के कारण बसों में भारी भीड़ की आशंका थी. कोरोना धीरे धीरे जिले को अपनी गिरफ्त में लेता जा रहा है. संक्रमण के खतरे को भांपते हुए लोगों ने अपने परिवार को रोडवेज से दूर ही रखा है.
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कर्मचारियों का कहना था कि दोपहर 12 बजे तक हर बस में 10 से 20 प्रतिशत यात्री भार भी नहीं था. बसों में अमूमन जो यात्री भार रहता है, वह भी देखने को नहीं मिला है. समय पालक केदार प्रसाद शर्मा ने बताया कि हमने सरकार के आदेश को देखते हुए अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की है, लेकिन यात्री भार पहले के मुकाबले भी कम देखा जा रहा है. कोरोना के खौफ के कारण लोग अपने घरों से कम बाहर निकल रहे हैं.