बांसवाड़ा. जिलें में स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा ने कामकाज को लेकर अपने तेवर दिखाए. अपनी पहली बैठक में लापरवाह चिकित्सा अधिकारियों को फटकार लगाते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया. इसे लेकर चिकित्सा विभाग में खलबली मच गई. दोपहर के बाद आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर ने विभाग के अधिकारियों को साफ संदेश दिया कि लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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वहीं, करीब 3 घंटे तक चली इस बैठक में निरोगी राजस्थान, आयुष्मान महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना, एनसी पंजीकरण, प्रसव पूर्व जांच और टीकाकरण की प्रगति, संस्थागत प्रसव की प्रगति, परिवार कल्याण कार्यक्रम, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना और जांच योजना आरएनटीसीपी के अंतर्गत एनजीओ की सहभागिता खाद्य पदार्थों की जांच के लिए जिला स्तर टीम के गठन को लेकर विभागीय अधिकारियों से कलेक्टर ने खुली चर्चा की.
प्रगति रिपोर्ट हासिल करने के बाद सामने आया कि विभाग की कई योजनाओं के फिजिकली और फाइनेंशली प्रोग्रेस में काफी गैप है. निर्माण कार्य से लेकर चिकित्सा योजनाओं के लिए राशि स्वीकृत है, लेकिन उसके मुकाबले जमीनी धरातल पर काम दिखाई नहीं दे रहा है.
इसे लेकर जिला कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि यह लापरवाही है जो बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जा सकती. इस गैप को पाटने के लिए उन्होंने एक पखवाड़े का टाइम दिया और कहा कि इसके बाद संबंधित अधिकारियों को आरोप पत्र थमाया जाएगा.
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सीएमएचओ डॉ एच एल ताबीयार ने बताया कि बैठक के दौरान जिला कलेक्टर की ओर से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में उल्लेखनीय सेवा देने वाले चिकित्सकों को सम्मानित किया गया. वहीं, लक्ष्य के अनुसार कम प्रगति पर कई अधिकारियों को फटकार भी लगाई गई. विभाग की ओर से कम प्रोग्रेस वाले अधिकारियों को नोटिस जारी किए जा रहे हैं. निर्धारित अवधि में संतोषप्रद काम नहीं पाए जाने पर आरोप पत्र दिए जाएंगे. बैठक में अन्य कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे.