बांसवाड़ा. आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले में कोरोना को लेकर हालात चिंताजनक कहे जा सकते हैं. रोगियों का आंकड़ा 12 सौ के पार हो चुका है. संक्रमण की रफ्तार का अंदाजा पिछले 20 दिन के आंकड़ों से लगाया जा सकता है. इस अवधि में लगभग 40% रोगी बढ़ चुके हैं.
एक साथ 164 लोगों के संक्रमण की रिपोर्ट ने ना केवल विभाग को चिंता में डाल दिया है, बल्कि शहर से लेकर गांव तक डर फैलता जा रहा है. ईटीवी भारत ने महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रभारी डॉ. अनिल भाटी से कोरोना संक्रमण की स्थिति और भविष्य की रणनीति के बारे में विशेष बातचीत की.
एक सवाल के जवाब में डॉक्टर भाटी ने कहा कि वाकई एक साथ 164 लोगों का संक्रमित होना चिंता का विषय है. पहली बार इतने रोगी एक साथ सामने आए हैं. राहत की बात ये है कि हमारी 3 दिन की पेंडेंसी क्लियर हो चुकी है. शनिवार की रिपोर्ट के साथ ही अब तक रोगियों की संख्या बारह सौ का आंकड़ा पार कर चुकी है.
वहीं, रोगियों के लगातार बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिले में अब कोरोना कम्युनिटी स्प्रेड के लेवल पर पहुंच चुका है और जिस प्रकार से संक्रमण फैल रहा है उससे आने वाले दिनों में रोगियों की संख्या में और भी बढ़ोतरी की आशंका है. इसे देखते हुए आमजन को कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना करनी होगी, क्योंकि अब तक इसका कोई ट्रीटमेंट सामने नहीं आया है. जब तक कोई इलाज नहीं आ जाता तब तक बचाव ही उपचार का तरीका है.
उन्होंने कहा कि covid-19 वार्ड में भर्ती मरीजों को लेकर उनके परिजन चिंतित रहते हैं और तरह-तरह की आशंकाएं भी रखते हैं. ऐसे में हमने हेल्प डेस्क की व्यवस्था की है. परिजन जब चाहे डेस्क पर फोन कर मरीज के स्वास्थ्य और उनकी आवश्यकताओं के बारे में जानकारी ले सकते हैं. इससे परिजनों का पैनिक दूर होगा. हमने यहां पर यदि परिजन घर से खाना लाना चाहे तो इसके लिए भी व्यवस्था की है.
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लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम उसी को देखते हुए हॉस्पिटल में अलग व्यवस्था कर रहे हैं. मेल और फीमेल कोविड-19 वार्ड में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन पॉइंट की व्यवस्था कर रहे हैं. पुरुष वार्ड में लाइन बिछा दी गई है और महिला वार्ड में लाइन बिछाने का काम चल रहा है. इसके अलावा 30 बेड का एक अलग वार्ड तैयार किया जा रहा है. कुल मिलाकर कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 160 से लेकर 170 बेड सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सिस्टम से कनेक्ट किए जा रहे हैं जिनमें 24 घंटे ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकेगी.