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बांसवाड़ा: पहले 80 क्विंटल शक्कर खराब, अब 1500 क्विंटल पर लटकी तलवार - नागरिक आपूर्ति विभाग

पहले तो कमीशन की चासनी में खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने खूब गोते लगाए, बाकी की कसर स्थानीय कारिंदों ने पूरी कर दी. कारिंदे, गरीबों के लिए आवंटित चीनी की समूचित देखभाल नहीं कर पाए. नतीजा यह निकला कि भारी मात्रा में शक्कर जानवरों के खाने लायक भी नहीं बची.

बांसवाड़ा, sugar wasted
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Published : Oct 18, 2019, 11:30 PM IST

बांसवाड़ा. रसद विभाग की ओर से हर माह अंत्योदय परिवारों को निर्धारित चीनी के आवंटन के बाद भी आज स्थिति यह है कि करीब 1,560 क्विंटल चीनी नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम में पड़ी है. जबकि 80 क्विंटल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. लेकिन, उसका भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

हालांकि, प्रदेश के अन्य कई जिलों में भी खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा मांग के मुकाबले अधिक चीनी भेजी गई थी. अधिकारियों का तो बाल भी बांका नहीं हुआ, लेकिन गरीबों के नाम पर खरीदी गई चीनी में से अकेले बांसवाड़ा में ही लगभग 80 क्विंटल शक्कर पूरी तरह से खराब हो गई. मामला सरकार के सामने आया तो गत माह विभागीय बैठक में स्टॉक में पड़ी शक्कर अन्य जिलों को भेजने का निर्णय लिया गया. हैरत की बात यह है कि करीब डेढ़ माह बाद भी उक्त शक्कर जरूरतमंद जिलों को नहीं पहुंचाई जा सकी. क्योंकि विभाग की ओर से इस संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं. इसके चलते स्टॉक में पड़ी चीनी के भी खबाब होने के आसार हैं.

नागरिक आपूर्ति विभाग की लापरवाही आई सामने

पढ़ें: अलवरः रोडवेज की हालत सुधारने के लिए प्रदेश भर में यात्रियों से लिया जाएगा फीडबैक

सूत्रों की मानें तो बाकी पड़ी शक्कर को भी शीघ्र ही हटाया नहीं गया तो इस शक्कर को भी पशुपालन विभाग के जरिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा. इधर, इस मामले में जब जिला रसद अधिकारी हजारीलाल अलोरिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि स्टॉक शक्कर के संबंध में आदेश का इंतजार किया जा रहा है. आदेश जारी होते ही शक्कर को जरूरत वाले जिलों के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने माना कि 80 क्विंटल शक्कर खराब हो चुकी है. जिसे पशुओं के लिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

बांसवाड़ा. रसद विभाग की ओर से हर माह अंत्योदय परिवारों को निर्धारित चीनी के आवंटन के बाद भी आज स्थिति यह है कि करीब 1,560 क्विंटल चीनी नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम में पड़ी है. जबकि 80 क्विंटल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. लेकिन, उसका भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया.

हालांकि, प्रदेश के अन्य कई जिलों में भी खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा मांग के मुकाबले अधिक चीनी भेजी गई थी. अधिकारियों का तो बाल भी बांका नहीं हुआ, लेकिन गरीबों के नाम पर खरीदी गई चीनी में से अकेले बांसवाड़ा में ही लगभग 80 क्विंटल शक्कर पूरी तरह से खराब हो गई. मामला सरकार के सामने आया तो गत माह विभागीय बैठक में स्टॉक में पड़ी शक्कर अन्य जिलों को भेजने का निर्णय लिया गया. हैरत की बात यह है कि करीब डेढ़ माह बाद भी उक्त शक्कर जरूरतमंद जिलों को नहीं पहुंचाई जा सकी. क्योंकि विभाग की ओर से इस संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं. इसके चलते स्टॉक में पड़ी चीनी के भी खबाब होने के आसार हैं.

नागरिक आपूर्ति विभाग की लापरवाही आई सामने

पढ़ें: अलवरः रोडवेज की हालत सुधारने के लिए प्रदेश भर में यात्रियों से लिया जाएगा फीडबैक

सूत्रों की मानें तो बाकी पड़ी शक्कर को भी शीघ्र ही हटाया नहीं गया तो इस शक्कर को भी पशुपालन विभाग के जरिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा. इधर, इस मामले में जब जिला रसद अधिकारी हजारीलाल अलोरिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि स्टॉक शक्कर के संबंध में आदेश का इंतजार किया जा रहा है. आदेश जारी होते ही शक्कर को जरूरत वाले जिलों के लिए भेजा जाएगा. उन्होंने माना कि 80 क्विंटल शक्कर खराब हो चुकी है. जिसे पशुओं के लिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

Intro:बांसवाड़ाl पहले तो कमीशन की चासनी में खाद्य आपूर्ति निगम के अधिकारियों ने खूब गोते लगाए , बाकी की कसर स्थानीय कारिंदों ने पूरी कर दी । गरीबों के लिए आवंटित लेवी चीनी की कारिंदे समुचित देखभाल नहीं कर पाएl नतीजा यह निकला कि 80 क्विंटल शक्कर इंसान तो क्या जानवरों के खाने लायक भी नहीं रही l हैरत की बात यह है कि करीब 15 क्विंटल चीनी अन्य जिलों को भेजने का निर्णय किया गया था लेकिन एक माह बाद भी सरकारी बाबू आदेश जारी नहीं कर पाए इससे चीनी के स्टॉप पर भी खराब होने की तलवार लटक गई हैl


Body:खाद्य विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा करीब डेढ़ साल पहले खेले गए कमीशन से पर्दा उठने के बाद हालांकि उच्च स्तरीय जांच कराई गई लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। हालांकि प्रदेश के अन्य कई जिलों में भी आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा मांग के मुकाबले अधिक चीनी भेजी गई थी।अधिकारियों का तो बाल भी बांका नहीं हुआ लेकिन गरीबों के नाम पर खरीदी गई लेवी चीनी में से अकेले बांसवाड़ा में ही लगभग 80 क्विंटल शक्कर पूरी तरह से खराब हो। रसद विभाग द्वारा हर महा अंत्योदय परिवारों को निर्धारित चीनी के आवंटन के बाद भी आज स्थिति यह है कि करीब 1560 क्विंटल चीनी नागरिक आपूर्ति विभाग के गोदाम में पड़ी है जबकि 80 क्विंटल इंसान तो दूर की बात जानवरों के खाने लायक भी नहीं रही।


Conclusion:मामला सरकार के सामने आया तो गत माह विभागीय बैठक में स्टॉक में पड़ी शक्कर अन्य जिलों को भेजने का निर्णय किया गया। हैरत की बात यह है कि करीब सवा माह बाद भी उक्त शक्कर जरूरतमंद जिलों को नहीं भरी जा सकी क्योंकि विभागीय बाबुओं द्वारा इस संबंध में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं। इसके चलते स्टॉक में पड़ी चीनी पर भी खराबी की तलवार लटक रही है। सूत्रों ने बताया कि इस शक्कर की भी एक्सपायर डेट नजदीक आ गई है। ऐसे में यदि शीघ्र ही इसका उठाओ नहीं हुआ तो इस शक्कर को भी पशुपालन विभाग के जरिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं रहेगा। इधर इस मामले में जब जिला रसद अधिकारी हजारीलाल अलोरिया से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि स्टॉक शक्कर के संबंध में आदेश का इंतजार किया जा रहा है। आदेश जारी होते ही शक्कर को जरूरत वाले जिलों के लिए रवाना कर दिया जाएगा। उन्होंने माना कि 80 क्विंटल शक्कर खराब हो चुकी है जिसे पशुओं के लिए नीलाम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

बाइट...... हजारीलाल अलोरिया जिला रसद अधिकारी बांसवाड़ा

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