बांसवाड़ा. कोरोना संक्रमण के इस दौर में सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं जरूरतमंद परिवारों तक सहायता पहुंचाने के लिए सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आ रही है.शहर में बड़े पैमाने पर सामाजिक संस्थाएं जरूरतमंद परिवारों को भोजन के साथ संकट की इस घड़ी में हर संभव मदद के लिए आगे आ रही है. खासकर नगर परिषद ने लॉक डाउन को देखते हुए ऐसे परिवारों के लिए अपने दोनों ही हाथ खोल दिए और हर व्यक्ति को उसकी आवश्यकता के अनुसार सहायता पहुंचा रही है.
बांसवाड़ा शहर में नगर परिषद की ओर से अब तक करीब 20 हजार लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाएं गए. वहीं, बड़ी संख्या में सुखी खाद्य सामग्री पहुंचाने में परिषद कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रही है. सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी के अनुसार लॉकडाउन चाहे कितने ही दिन चले हम अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहेंगे. आगे भी हम अपने इस मिशन को जारी रखेंगे.
राज्य सरकार की ओर से कोरोना महामारी के मध्य नजर मार्च के अंतिम सप्ताह में लॉकडाउन घोषित करने के साथ धारा 144 लागू कर दी गई थी. अचानक सरकार की इस घोषणा से गरीब वर्ग के लोगों के समक्ष भूखे मरने का संकट खड़ा हो गया. ऐसे लोगों के रोजी रोटी की आस में सड़कों पर आने की स्थिति में संकट और भी गहरा सकता था. इस समस्या को भागते हुए रसद विभाग के अलावा नगर परिषद मैदान में आ गई. बड़ी संख्या में सामाजिक संस्थाओं के लोग भी मदद के लिए आगे आए और हर गली मोहल्ले में घूम घूम कर ऐसे परिवारों के भोजन की व्यवस्था को आगे बढ़ाया.
जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर परिषद ने अहम भूमिका निभाते हुए जरूरतमंद परिवारों का सर्वे करते हुए उन लोगों की सूची तैयार की जो बीपीएल अंत्योदय योजना और अन्य खाद्य योजनाओं में शामिल नहीं है. ऐसे करीब 2500 परिवारों को चिन्हित किए गए. इसके अलावा बाहर से आकर शहर में रह रहे लोगों के लिए भी मदद का हाथ बढ़ाया गया.
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जिला प्रशासन के सहयोग से करीब 15 दिन की खाद्य सामग्री के पैकेट 25 सौ परिवारों तक पहुंचाए गए. वहीं, प्रतिदिन 15 सौ लोगों तक भोजन के पैकेट पहुंचाने का क्रम शुरू किया गया. भोजन पहुंचाने का यह क्रम 12 से 13 दिन तक चला. परिषद के अलावा शहर की कई सामाजिक संस्थाएं भी अलग-अलग बस्तियों में जरूरतमंदों तक भोजन के पैकेट पहुंचा रही थी. ऐसे में परिषद ने बाहर से आकर रह रहे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था को सीमित करते हुए अपना दायरा डेढ़ सौ लोगों का कर दिया.
खाद्य सामग्री के अलावा नगर परिषद को शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ-साथ समाजसेवी लोगों ने भी खूब सहायता पहुंचाई और करीब 13 लाख से ₹1400000 की आर्थिक सहायता परिषद तक पहुंचाई. ये सिलसिला अब भी जारी है.
भापति द्विवेदी ने बताया कि जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने का क्रम जारी रहेगा. लॉक डाउन कितने ही दिन चले हम अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे और लगातार सुखी खाद्यान्न सामग्री और भोजन के पैकेट वितरण का काम चलता रहेगा.