बांसवाड़ा. जिलें के सभी चिकित्सालयों में सर्दी-खांसी और जुकाम के आने वाले मरीजों के लिए अलग से ओपीडी बनाई जाएगी. साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से काउन्टर भी बनाया जाएगा.
सभी राजकीय और निजी अस्पतालों में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों के लिए ओपीडी में रजिस्ट्रेशन काउन्टर और स्वाइन फ्लू क्लिनिक पृथक से बनाने के लिए कहा गया है. सभी क्लीनिक को रोगी के पर्चे पर स्वाइन फ्लू की सील लगाकर देने के निर्देश दिए गए हैं ताकी अन्य विभागों की ओपीडी में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार के मरीज आए तो स्वाइन फ्लू ओपीडी में जांच करवाने के लिए कहा जा सके.
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सीएमएचओ डॉक्टर एच एल ताबियार के अनुसार अलग से बनाए गए स्वाइन फ्लू क्लीनिक में सर्दी-खांसी, जुकाम और बुखार के मरीजों की जांच के बाद पल्स ऑक्सो मीटर से जांच की जाएगी. स्क्रीनिंग के दौरान मरीजों का पूर्ण विवरण (नाम, पूर्ण पता, मोबाइल नम्बर, आदि) रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा. जिसके माध्यम से मरीज का फाॅलोअप किया जा सकेगा. मरीजों को स्वाइन फ्लू की जानकारी के लिए पेम्पलेट देने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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सीएमएचओ डॉक्टर ताबियार ने बताया कि चिकित्सा विभाग की होने वाली समस्त बैठकों में भी स्वाइन फ्लू के लक्षण और उपचार के बारे में बताया जाएगा. ताकि हर स्वास्थ्य कर्मी और आशा को इसकी समूचित जानकारी हो सके. जिससे रोगी की पहचान में मदद मिलेगी. साथ ही सभी संस्थानों को निर्देश दिए गए है कि यदि कोई स्वाइन फ्लू का मरीज मिलता है तो तुरंत उनके परिजनों और आसपास के घरों में स्क्रीनिंग कर उपचार किया जाए.
सर्दी से होने वाली बिमारियों से बचाव
मुख्य चिकित्सा औ स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ताबियार ने बताया कि सर्दी से होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए इन मुख्य बातों का हमेशा ख्याल रखना चाहिए. यह साधारण सी लगती है, लेकिन सर्दी से बोने वाली बीमारियों से बचाव के लिए काफी उपयोगी है.
- गर्म कपडे़ पहने.
- तेज सर्दी में कान और सिर को विशेष रूप से ढक कर निकले.
- बच्चों को नंगे पैर और खुले सिर नहीं घुमने दे, विशेष कर सुबह-शाम.
- आईसक्रीम, टमाटर का साॅस और अन्य ठंडी और खट्टी चीजों से परहेज रखे.
- गर्म और गर्म तासीर की चीजों का सेवन करने पर पानी ज्यादा पीए.
- निमोनिया अस्थमा और सांस की तकलीफ वाले बच्चों को रात मे टाइट कपडे़ नहीं पहनाए.
- उबला हुआ पानी पीने से भी राहत मिलती है.