बांसवाड़ा. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की ओर से बाल समस्याओं को लेकर प्रीवेंटिंग एप्रोच पर काम किया जा रहा है. खासकर बच्चियों से दुष्कर्म और बाल श्रम के अलावा बांसवाड़ा जिले में रोजगार के लिए गुजरात सहित आसपास के इलाकों में पलायन की समस्या को शामिल करते हुए ये प्लान तैयार गया है.
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राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या के मुताबिक 5 वर्षीय ये ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे विषय-विशेषज्ञों के समक्ष सुझाव के लिए रखा गया है. इस प्लान में सबसे छोटी ईकाई ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने का प्रस्ताव है. ग्राम स्तर से लेकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला बाल संरक्षण समिति के फंक्शन करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी जुड़ सकेगी और निश्चित ही राजस्थान देश में बाल मित्र प्रदेश के रूप में मॉडल बनकर उभरेगा.