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बाल संरक्षण के लिए 5 साल का ड्राफ्ट तैयार, देश के लिए होगा एक नया उभरता मॉडल - बांसवाड़ा समाचार

बांसवाड़ा में राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या ने बताया, कि बच्चों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार एक नया ड्राफ्ट तैयार कर रही है. राज्य बाल संरक्षण आयोग ने इसके लिए 5 वर्षीय ड्राफ्ट तैयार किया है. ये ड्राफ्ट बाल मित्र के रूप में देश के लिए मॉडल बनकर उभरेगा.

child protection ready,बाल संरक्षण के लिए ड्रॉफ्ट
बच्चों की समस्याओं पर नया ड्राफ्ट तैयार
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Published : Dec 12, 2019, 5:24 PM IST

बांसवाड़ा. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की ओर से बाल समस्याओं को लेकर प्रीवेंटिंग एप्रोच पर काम किया जा रहा है. खासकर बच्चियों से दुष्कर्म और बाल श्रम के अलावा बांसवाड़ा जिले में रोजगार के लिए गुजरात सहित आसपास के इलाकों में पलायन की समस्या को शामिल करते हुए ये प्लान तैयार गया है.

बच्चों की समस्याओं पर नया ड्राफ्ट तैयार

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राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या के मुताबिक 5 वर्षीय ये ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे विषय-विशेषज्ञों के समक्ष सुझाव के लिए रखा गया है. इस प्लान में सबसे छोटी ईकाई ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने का प्रस्ताव है. ग्राम स्तर से लेकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला बाल संरक्षण समिति के फंक्शन करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी जुड़ सकेगी और निश्चित ही राजस्थान देश में बाल मित्र प्रदेश के रूप में मॉडल बनकर उभरेगा.

बांसवाड़ा. राजस्थान बाल संरक्षण आयोग की ओर से बाल समस्याओं को लेकर प्रीवेंटिंग एप्रोच पर काम किया जा रहा है. खासकर बच्चियों से दुष्कर्म और बाल श्रम के अलावा बांसवाड़ा जिले में रोजगार के लिए गुजरात सहित आसपास के इलाकों में पलायन की समस्या को शामिल करते हुए ये प्लान तैयार गया है.

बच्चों की समस्याओं पर नया ड्राफ्ट तैयार

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राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या के मुताबिक 5 वर्षीय ये ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे विषय-विशेषज्ञों के समक्ष सुझाव के लिए रखा गया है. इस प्लान में सबसे छोटी ईकाई ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने का प्रस्ताव है. ग्राम स्तर से लेकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला बाल संरक्षण समिति के फंक्शन करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी जुड़ सकेगी और निश्चित ही राजस्थान देश में बाल मित्र प्रदेश के रूप में मॉडल बनकर उभरेगा.

Intro:बांसवाड़ा। बच्चों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार एक नया ड्राफ्ट तैयार कर रही है। राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा इसके लिए 5 वर्षीय ड्राफ्ट तैयार किया गया है। यह ड्राफ्ट बालमित्र के रूप में देश के लिए मॉडल बनकर उभरेगा। यह जानकारी राजस्थान बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ शैलेंद्र पंड्या ने मीडिया कर्मियों को दी।


Body:उन्होंने बताया कि गठन के 1 वर्ष के भीतर आयोग द्वारा बाल समस्याओं को लेकर प्रीवेंटिंग एप्रोच पर काम किया जा रहा है। खासकर बच्चियों से दुष्कर्म तथा बाल श्रम के अलावा बांसवाड़ा जिले में रोजगार के लिए गुजरात सहित आसपास के इलाकों में पलायन की समस्या को शामिल करते हुए यह प्लान तैयार किया है। 5 वर्षीय यह ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और इसे विषय विशेषज्ञों के समक्ष सुझाव के लिए रखा गया है। इस प्लान में सबसे छोटी इकाई ग्राम स्तर पर गठित बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करने का प्रस्ताव है। ग्राम स्तर से लेकर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला बाल संरक्षण समिति के फंक्शन करने की स्थिति में कड़ी से कड़ी जुड़ सकेगी और निश्चित ही से राजस्थान देश में बालमित्र प्रदेश के रूप में मॉडल बनकर उभरेगा।


Conclusion:आदिवासी अंचल में गडरिया के पास बच्चों को गिरवी रखे जाने कि समस्या पर डॉक्टर पंड्या ने कहा कि इससे निपटने के लिए हमने प्लान तैयार किया है। बच्चों को गिरवी लेने वालों में अधिकांश गडरिया होते हैं। इसे देखते हुए हमने देशभर के रेबारी और रायका समाज के लोगों के ढाई हजार से 3000 प्रमुख प्रतिनिधियों का पाली में 18 दिसंबर को सम्मेलन रखा है। इसके जरिए हम इन समाज के लोगों को बच्चों को गिरवी रखने से संबंधित कानूनी पहलुओं की जानकारी देने के साथ उन्हें पाबंद भी करने का प्रयास करेंगे। आदिवासी अंचल में नाता प्रथा से बच्चों के अनाथ होने के सवाल पर उन्होंने माना कि निश्चित ही यह बच्चों के लिए दुखद होता है। ऐसे बच्चों को भी पालनहार योजना में शामिल किया गया है। हमारा प्रयास है कि सरकार जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की कुप्रथाओं को खत्म करें। एक बात तय है कि बाल अधिकार हनन आयोग कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

पीसी...... डॉ शैलेंद्र पंड्या, सदस्य राज्य बाल संरक्षण आयोग
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