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10 दिन के नवजात को साथ लेकर पैदल ही घर जा रही थी महिला, युवाओं ने की मदद

अलवर के बर्डोद कस्बे में लॉकडाउन के चलते सार्वजनिक यातायात बंद होने के कारण 10 दिन के नवजात बच्चे को गोद में लेकर एक महिला पैदल ही घर जा रही थी. स्थानीय युवाओं ने निजी वाहन से महिला को बहरोड़ पहुंचाया और उसके खाने-पीने का बंदोबस्त किया.

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नवजात को लेकर पैदल जा रही महिला की युवाओं ने की मदद
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Published : Mar 29, 2020, 11:22 PM IST

बहरोड़ (अलवर). कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन है. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक यातायात और निजी प्रतिष्ठान बंद हैं. सरकार ने सभी लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की है. लोगों के काम-धंधे ठप हो गए हैं. ऐसे में फैक्ट्रियों, कंपनियों में काम करने वाले लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं.

नवजात को लेकर पैदल जा रही महिला की युवाओं ने की मदद

जिले के बर्डोद कस्बे में रविवार को 10 दिन के नवजात को गोद में लेकर एक महिला पैदल ही घर जा रही थी. जिस पर वहां के युवाओं ने इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन तक पहुंचाई. जिसके बाद प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद युवाओं ने महिला को बच्चे समेत निजी वाहन से बहरोड़ तक पहुंचाया. जिसके बाद युवाओं ने उसकी देखभाल का जिम्मे लिया और रहने खाने की व्यवस्था की. साथ ही उसे घर पहुंचाने की व्यवस्था करने की बात कही.

पढ़ें- जयपुर: पलायन करने वाले यात्रियों के लिए रोडवेज की 300 बसें भी पड़ी कम, 100 प्राइवेट बसों को भी लगाया

वहीं महिला ने बताया कि वह नीमराणा में एक कंपनी में काम करती है. उसको 10 दिन पहले ही बेटी हुई थी. लॉकडाउन के कारण वो पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़ी. जिस पर बर्डोद कस्बे के मनफूल सैनी, कन्हैया लाल, रमेश चंद, मन्नू सैनी, मोनू, नवीन सहित अन्य लोगों ने उसकी मदद की.

बहरोड़ (अलवर). कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए देश भर में लॉकडाउन है. इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सार्वजनिक यातायात और निजी प्रतिष्ठान बंद हैं. सरकार ने सभी लोगों से अपने घरों में रहने की अपील की है. लोगों के काम-धंधे ठप हो गए हैं. ऐसे में फैक्ट्रियों, कंपनियों में काम करने वाले लोग अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं.

नवजात को लेकर पैदल जा रही महिला की युवाओं ने की मदद

जिले के बर्डोद कस्बे में रविवार को 10 दिन के नवजात को गोद में लेकर एक महिला पैदल ही घर जा रही थी. जिस पर वहां के युवाओं ने इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन तक पहुंचाई. जिसके बाद प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद युवाओं ने महिला को बच्चे समेत निजी वाहन से बहरोड़ तक पहुंचाया. जिसके बाद युवाओं ने उसकी देखभाल का जिम्मे लिया और रहने खाने की व्यवस्था की. साथ ही उसे घर पहुंचाने की व्यवस्था करने की बात कही.

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वहीं महिला ने बताया कि वह नीमराणा में एक कंपनी में काम करती है. उसको 10 दिन पहले ही बेटी हुई थी. लॉकडाउन के कारण वो पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़ी. जिस पर बर्डोद कस्बे के मनफूल सैनी, कन्हैया लाल, रमेश चंद, मन्नू सैनी, मोनू, नवीन सहित अन्य लोगों ने उसकी मदद की.

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