अलवर. अभ्यारण्यों में 15 माह के दौरान 4 बाघों की मौत हो चुकी है. हाल ही में रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट किए गए बाघ एसटी-16 की मौत के बाद वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश है. उन्होंने वन मंत्री सुखराम विश्नोई को एक पत्र देकर सरिस्का में वन्य जीवों के सुरक्षित करने की मांग की है.
वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि कुछ लोगों के चक्कर में सरिस्का को समाप्त करने का काम किया जा रहा है. ऐसे में वन्यजीव प्रेमियों ने अलवर में जुलूस निकालते हुए विरोध प्रदर्शन किया. लोगों ने सरिस्का में टाइगर को सुरक्षित रखने की मांग की है. जिसको लेकर वन्यजीव प्रेमियों की तरफ से वन मंत्री सुखराम विश्नोई को ज्ञापन दिया गया गया है. जिसमें बाघों की मौत के अलावा अब तक हुई पैंथरों की मौत के मामले में चल रही जांच में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई है. लोगों ने सरिस्का को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की है. इस मौके पर मंत्री ने भी उनको आश्वासन दिलाया किस रस का को बचाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे.
बता दें कि पिछले दिनों जिस बाघ को सरिस्का लाया गया उसके बड़ा ट्यूमर था. यह ट्यूमर एक दिन में नहीं हुआ. अब सवाल उठता है कि जब बाघ को ट्यूमर था तो उसे सरिस्का में किस उद्देश्य से शिफ्ट किया गया. वन्यजीव प्रेमियों में एक बड़ा प्रश्न है, जिसका उत्तर वे सरिस्का प्रशासन ने कर रहे हैं.
माना जा रहा है कि यह सरिस्का के छवि खराब करने का एक प्रयास है. वन्यजीव प्रेमी संस्थान के विवेक जायसवाल का कहना है कि अगर प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो वो लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. सरिस्का पर किसी भी तरह का खतरा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा रणथंभौर को बढ़ावा देने के लिए सरिस्का को खतरे में डाला जा रहा है.
वहीं वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि सभी अभ्यारण्यों की समान रुप से देखभाल की जा रही है. सरकार का इस समय पर इसका पर पूरा ध्यान है. सरिस्का को बेहतर बनाने के लिए सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी. यहां संसाधनों की बढ़ोतरी की जाएगी.