अलवर. जिले में 147 छोटे बड़े बांध और तालाब हैं. इनमें से 22 सिंचाई विभाग और अन्य जिला परिषद के पास हैं. सिंचाई विभाग के 22 पदों में से 6 में पानी की आवक शुरू हुई है. अभी तक मंगल सर में 14. 5 फिट, मानसरोवर में 14. 4 फीट, जयसागर में 15.10 फीट, जयपुर में 10. 4 फीट, समर सरोवर में 7 फीट, सिलीसेढ़ में 4 फीट और जयसमंद में करीब 5 फीट पानी आया है. हालांकि मौसम विभाग की तरफ से अलवर में लगातार भारी बारिश की चेतावनी दी जा रही है. लेकिन उसके बाद भी लोगों को निराशा हाथ लग रही है. हल्की फुल्की बारिश से लोगों को संतुष्टि करनी पड़ रही है, इसलिए बांधों में पानी जरूरत के हिसाब से नहीं पहुंच रहा है.
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बताया की बांधों में पानी आने से आम आदमी और किसानों को राहत मिलेगी. तो वही अभी हो रही बारिश से बाजरे की फसल भी बेहतर होगी, क्योंकि बाजरे की फसल के लिए बारिश की खांसी आवश्यकता होती है. बिना बारिश के बाजरे की फसल खराब होने का डर रहता है. बारिश होने से किसानों की बाजरे की फसल बेहतर होगी. अलवर जिले में साल 2016 में बेहतर बारिश हुई थी. उसके बाद से लगातार जरूरत के हिसाब से कम बारिश दर्ज की जा रही है. ऐसे में साफ है कि अलवर में पानी संकट बढ़ रहा है. अलवर जिला डाक जोन में आ चुका है. जिले में हालात खराब हो रहे हैं. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता है. साल भर पानी के लिए मारामारी रहती है.
लोग प्रदर्शन करते हैं और नारे लगाते हैं. इसी तरह के हालात रहे तो आने वाले समय में लोगों के पास पीने के लिए पानी नहीं बचेगा. हालांकि अलवर जिले में बरसाती नदी और बांधों की संख्या काफी है. लेकिन सतही पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण साल भर पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ता है. तो वहीं सरकार की तरफ से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए लगातार हालत दिनोंदिन खराब हो रहे हैं.