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Father's Day 2021: एक ने पिता की कला को बढ़ाने के लिए इंजीनियरिंग छोड़ी, दूसरे ने इंटरनेशनल लेवल पर बढ़ाया मान

आज फादर्स डे है. मान, सम्मान और बलिदान को समर्पित पिता के नाम एक दिन. पिता के नक्शे कदम पर चलकर बच्चे नई इबारत लिखते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने पिता से मिली कला और विरासत को संजोया है. ऐसे ही अलवर के दो अंतरराष्ट्रीय कलाकार हैं, जिन्होंने ना सिर्फ पिता से जिंदगी का सबक सीखा बल्कि पिता को गुरु बनाकर नया आयाम लिखा है. आज दोनों देश ही नहीं विदेशों में भी नाम कमा रहे हैं.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
अलवर के दो युवाओं ने पिता की विरासत को संजोया
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Published : Jun 20, 2021, 4:59 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 6:44 PM IST

अलवर. 20 जून को फादर्स डे (Father's Day 2021) मनाया जा रहा है. पिता उस वृक्ष का नाम है, जो अपने बच्चों को अपनी छांव में रखकर सींचता है. पिता से मिला संबल, सीख बच्चों को जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करता है. अलवर के दो अंतराष्ट्रीय कलाकार हैं, जिन्होंने पिता को गुरु मानकर उनसे उनकी कला सीखी. अलवर के युसुफ ने भपंग वादन और प्रवीण प्रजापत ने भवाई नृत्य पिता से सीखकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाम और शोहरत दोनों कमाया है.

युसुफ ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ भपंग वादन को अपनाया

अंतरराष्ट्रीय भपंग वादक युसुफ पिता से मिली कला भपंग वादन को आगे बढ़ा रहे हैं. युसुफ ने पिता की कला को आगे बढ़ाने के लिए अपनी इंजीनियरिंग की जॉब को छोड़ दिया. उन्होंने देश के प्रतिष्ठित मंचों पर भपंग वादन की कला को पहुंचाया. युसूफ को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

अलवर के दो युवाओं ने पिता की कला को आगे बढाया

यह भी पढ़ें. फादर्स डे : मैंने अपने पिता से हार्ड वर्क, ईमानदारी व दमदारी सीखी है इसलिए डरती नहीं : IPS अंकिता

44 देशों में पिता ने किया भपंग वादन

अलवर शहर के मूंगस्का निवासी भपंग वादक युसुफ खान मेवाती छोटी सी उम्र से ही भपंग वादन कर रहे हैं. यह कला उन्हें पिता से विरासत में मिली थी. इनके दादा जहूर खां राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भपंग की गूंज को पहुंचा चुके हैं. उनके पिता उमर फारूख मेवाती 44 देशों में भपंग वादन कर चुके हैं. युसुफ कहते हैं कि उनके पिता कई फिल्मों में भी भपंग बजा चुके हैं.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
भपंग वादक युसुफ खान

कई नामी महोत्सव में शिरकत

युसुफ ने पहली बार अलवर में भपंग वादन किया.

  • मारवाड़ महोत्सव, सीमांचल यात्रा सहित इंडियाज गॉट टैलेंट 2016 में भी कला का लोहा मनवाया है.
  • प्रदेश सरकार से स्टेट अवार्ड मिल चुका है.
  • करीब 20 से 22 देशों में भपंग वादन कर चुके हैं.

फादर्स डे पर अपने पिता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिता को बहुत मिस करता हूं. मुझे खुशी है कि मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं.

यह भी पढ़ें. SPECIAL: लॉकडाउन का बच्चों पर असर...प्रॉब्लम सॉल्विंग, लर्निंग एबिलिटी, आत्मविश्वास को भी कर रहा कमजोर

पिता से सीखा भवाई नृत्य, विदेशों तक पहुंचाया

प्रवीण प्रजापत भी पिता से सीखी कला को आगे बढ़ा रहे हैं. वे अपने पिता बने सिंह प्रजापत से सीखे भवाई नृत्य के जरिए देश-दुनिया में अपनी कला का परचम लहराया है. वो भवाई नृत्य, तलवार नृत्य, मटकी नृत्य, रिम नृत्य सहित कई तरह की कलाओं में पारंगत हैं.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
प्रवीण प्रजापत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पिता बने सिंह प्रजापत राष्ट्रीय कलाकार हैं. वे 45 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. कई पुरस्कार उनके नाम है.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
नृत्य करते प्रवीण प्रजापत

प्रवीण सिंह कहते हैं कि छोटी सी उम्र से वे अपने पिता को नृत्य करते देखते थे. उन्होंने भी नृत्य सीखने की इच्छा जाहिर की. पिता ने भी साथ दिया. आज वो भी 15 से 20 देशों में अपनी कला प्रस्तुत कर चुके हैं. पिता के सम्मान के लिए जी-जान लगा रहे हैं. अपनी पढ़ाई भी साथ में पूरी कर रहे हैं. प्रवीण ने दसवीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं.

अलवर. 20 जून को फादर्स डे (Father's Day 2021) मनाया जा रहा है. पिता उस वृक्ष का नाम है, जो अपने बच्चों को अपनी छांव में रखकर सींचता है. पिता से मिला संबल, सीख बच्चों को जिंदगी में आगे बढ़ने में मदद करता है. अलवर के दो अंतराष्ट्रीय कलाकार हैं, जिन्होंने पिता को गुरु मानकर उनसे उनकी कला सीखी. अलवर के युसुफ ने भपंग वादन और प्रवीण प्रजापत ने भवाई नृत्य पिता से सीखकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाम और शोहरत दोनों कमाया है.

युसुफ ने इंजीनियर की नौकरी छोड़ भपंग वादन को अपनाया

अंतरराष्ट्रीय भपंग वादक युसुफ पिता से मिली कला भपंग वादन को आगे बढ़ा रहे हैं. युसुफ ने पिता की कला को आगे बढ़ाने के लिए अपनी इंजीनियरिंग की जॉब को छोड़ दिया. उन्होंने देश के प्रतिष्ठित मंचों पर भपंग वादन की कला को पहुंचाया. युसूफ को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिल चुके हैं.

अलवर के दो युवाओं ने पिता की कला को आगे बढाया

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44 देशों में पिता ने किया भपंग वादन

अलवर शहर के मूंगस्का निवासी भपंग वादक युसुफ खान मेवाती छोटी सी उम्र से ही भपंग वादन कर रहे हैं. यह कला उन्हें पिता से विरासत में मिली थी. इनके दादा जहूर खां राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भपंग की गूंज को पहुंचा चुके हैं. उनके पिता उमर फारूख मेवाती 44 देशों में भपंग वादन कर चुके हैं. युसुफ कहते हैं कि उनके पिता कई फिल्मों में भी भपंग बजा चुके हैं.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
भपंग वादक युसुफ खान

कई नामी महोत्सव में शिरकत

युसुफ ने पहली बार अलवर में भपंग वादन किया.

  • मारवाड़ महोत्सव, सीमांचल यात्रा सहित इंडियाज गॉट टैलेंट 2016 में भी कला का लोहा मनवाया है.
  • प्रदेश सरकार से स्टेट अवार्ड मिल चुका है.
  • करीब 20 से 22 देशों में भपंग वादन कर चुके हैं.

फादर्स डे पर अपने पिता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं पिता को बहुत मिस करता हूं. मुझे खुशी है कि मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं.

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पिता से सीखा भवाई नृत्य, विदेशों तक पहुंचाया

प्रवीण प्रजापत भी पिता से सीखी कला को आगे बढ़ा रहे हैं. वे अपने पिता बने सिंह प्रजापत से सीखे भवाई नृत्य के जरिए देश-दुनिया में अपनी कला का परचम लहराया है. वो भवाई नृत्य, तलवार नृत्य, मटकी नृत्य, रिम नृत्य सहित कई तरह की कलाओं में पारंगत हैं.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
प्रवीण प्रजापत

ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पिता बने सिंह प्रजापत राष्ट्रीय कलाकार हैं. वे 45 देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं. कई पुरस्कार उनके नाम है.

Father's Day 2021, Bhapang player Yusuf Khan
नृत्य करते प्रवीण प्रजापत

प्रवीण सिंह कहते हैं कि छोटी सी उम्र से वे अपने पिता को नृत्य करते देखते थे. उन्होंने भी नृत्य सीखने की इच्छा जाहिर की. पिता ने भी साथ दिया. आज वो भी 15 से 20 देशों में अपनी कला प्रस्तुत कर चुके हैं. पिता के सम्मान के लिए जी-जान लगा रहे हैं. अपनी पढ़ाई भी साथ में पूरी कर रहे हैं. प्रवीण ने दसवीं कक्षा में 90 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं.

Last Updated : Jun 20, 2021, 6:44 PM IST
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