अलवर. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. एक्सप्रेस-वे के पहले फेस को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है. प्रतिदिन 20 हजार वाहन यहां से गुजर रहे हैं, लेकिन मेवात एक्सप्रेस-वे की रफ्तार पर ब्रेक लग रहा है. इसका कारण है लोगों की लापरवाही, जिसके चलते हादसों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. संबंधित अधिकारियों ने बताया कि करीब 10 हजार वाहन दिल्ली से जयपुर की तरफ और इतने ही वाहन जयपुर से दिल्ली की तरफ एक्सप्रेस-वे पर प्रतिदिन आते जाते हैं. फर्राटा भरते वाहनों की रफ्तार पर मेवात ने रोक लगा दी है.
दरअसल, मेवात के क्षेत्र में लोगों ने एक्सप्रेस-वे की दोनों तरफ की दीवारों को जगह-जगह से तोड़ दिया है. कई बार एनएचएआई की तरफ से दीवार को बनाया गया, लेकिन इसके बाद फिर से ग्रामीण इसे तोड़ देते हैं. साथ ही शाम ढलते ही बड़ी संख्या में युवा जगह-जगह एक्सप्रेस-वे पर बैठ जाते हैं और कुछ तो लेट जाते हैं. इसके कारण हादसा होने का खतरा बढ़ गया है.
उन्होंने बताया कि एक्सप्रेस वे पर साइकिल व बाइक चलाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इसके बाद भी सुबह व शाम के समय लोग टूटी हुई दीवारों से एक्सप्रेस-वे पर चढ़ जाते हैं. कई बार साइकिल चलाते हुए और बाइक से स्टंट करते दिखाई देते हैं. एक्सप्रेस-वे पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कई ऐसी तस्वीरें कैद हुईं हैं. इस संबंध में जब एनएचएआई के अधिकारियों ने पुलिस से संपर्क किया, तो उन्होंने नफरी कम होने का हवाला दिया. एनएचएआई के अधिकारियों ने इस संबंध में ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन ग्रामीण व लोग समझने के लिए तैयार नहीं हैं. ऐसे में एक्सप्रेस वे पर हादसा होने का खतरा कई गुना बढ़ गया है.
तूड़ी के ओवरलोड वाहन बन रहे मौत : एक्सप्रेस-वे पर ओवरलोड वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित है. इसके बाद भी तूड़े के ओवरलोड वाहन एक्सप्रेस वे पर मौत बनकर दौड़ रहे हैं. प्रतिदिन ओवरलोड वाहनों के कारण एक्सप्रेस वे पर हादसे होते हैं. टूटी हुई दीवारों से गाय, बिल्ली, नीलगाय व रोजड़ सहित अन्य जानवर एक्सप्रेस वे पर चले आते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं.
एक्सप्रेस वे पर क्या हैं नियम : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एक नोटिस जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि धीमी गति से चलने वाले वाहनों को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. इन वाहनों में दोपहिया वाहन जैसे स्कूटर, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर, गैर-मोटर चालित वाहन तथा तिपहिया वाहन शामिल हैं. अथॉरिटी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अधिसूचना जारी की है. एक्सप्रेस-वे को 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति सीमा के साथ हाई-स्पीड कॉरिडोर के रूप में बनाया गया है.
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एनएचएआई के अधिकारियों का क्या है कहना : एनएचएआई के पीडी मुदित गर्ग ने कहा कि लगातार एक्सप्रेस वे पर लगे कैमरों में लोगों की फोटो कैद हो रही है. लोग खुलेआम एक्सप्रेस-वे पर बैठ जाते हैं. इसके अलावा साइकिल चलाते हुए व बाइक चलाते हुए भी युवा कैमरे में कैद हुए हैं. लोगों को कई बार समझाया गया, लेकिन इसके बाद भी लोग एक्सप्रेस-वे की दीवार तोड़ देते हैं. कई बार दीवारों को बनवाया गया है. इस संबंध में जब स्थानीय पुलिस को अवगत कराया, तो उन्होंने कोई सहयोग नहीं किया. एक्सप्रेस-वे के कर्मचारी लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं.
एनसीआर के शहरों से जुड़ा एक्सप्रेस-वे : दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करने के लिए डीएनडी फ्लाईओवर से एक लिंक एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है. यह कालिंदी कुंज और फरीदाबाद होते गांव गुरुग्राम के मंडकौला में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा. कैल गांव से लेकर मंडकौला तक रास्ता बनने से फरीदाबाद के लोगों को गुरुग्राम जाने के लिए एक नया रूट मिल जाएगा. इसकी सहायता से लोग बिना जाम में फंसे फरीदाबाद से गुरुग्राम सफर कर सकेंगे. नोएडा और पलवल के लोगों का भी इस मार्ग के शुरू होने से गुरुग्राम आना-जाना आसान होगा.
एक्सप्रेस-वे पर धीरे चलने वाले वाहनों पर रोक : 12 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे के 246 किलोमीटर सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन किया था. इसके शुरू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय आधा हो गया है. दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का काम जून 2024 तक पूरा होने का अनुमान है. इसके बाद दिल्ली तथा मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटों से घटकर 12 घंटे रह जाएगा. एक्सप्रेस वे पर धीरे चलने वाले वाहनों पर रोक लगा दी गई है. वाहनों की अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है. ऐसे में प्रतिदिन वाहन एक्सप्रेस वे पर फर्राटा भर रहे हैं.