अलवर. जिले में मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके उसके लिए मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं. वहीं जिला अस्पताल में कोरोना मरीजों का भी इलाज हुआ है. इसके तहत सामान्य मरीजों ने कोरोना के डर से अस्पताल आना कम कर दिया. इसके बाद हालात बिगड़ते देख स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पताल को कोविड फ्री किया है.
इसके बाद अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी है लेकिन इस दौरान सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी कम रही है. वहीं अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन आमतौर पर कोरोना से पहले 4 हजार मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी रहती थी. जिसमें खासी कमी आई है, जिसका प्रभाव भी नजर आया है. अस्पताल में मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत करोड़ों की दवा एक्सपायर हो गई है.
जिसपर चिकित्सा विभाग के निदेशक ने सभी जिला सीएमओ को नोटिस भेजते हुए अक्टूबर में एक्सपायर होने वाली दवाओं का समय रहते उपयोग नहीं होने का जवाब मांगा है. वहीं, दवाओं की एक्सपायर होने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं. बता दें कि अक्टूबर महीने में प्रदेश में 75 लाख 76 हजार 490 रुपए की दवाएं एक्सपायर हो गई है. साथ ही नवंबर महीने में दो करोड़ 95 लाख की दवाई एक्सपायरी होने का मामला सामने आया है. प्रदेश में सबसे ज्यादा दवाएं एक्सपायर होने का मामला बाड़मेर में सामने आया है.
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बाड़मेर जिले में 11 लाख 21हजार 746 रुपए की दवा एक्सपायर हुई है. जोधपुर में 8 लाख 82 हजार 383 रुपए की दवा एक्सपायर हुई. नागौर में छह लाख 73 हजार 896 की दवाई एक्सपायर हुई है. जयपुर में 5 लाख 40 हजार 528, कोटा में 4 लाख 73 हजार 805 रुपए की दवाई एक्सपायर हुई है.
जालौर में 4 लाख 59 हजार 082 रुपए, राजसमंद में 3 लाख 28 हजार 686 की दवाई, चूरू में 2 लाख 37 हजार 603 की दवा पर हुई है. सिरोही में 2 लाख 35 हजार 155 की दवाई, अलवर में एक लाख 18 हजार 700 की दवाएं एक्सपायर होने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि इस मामले में किस स्तर पर गलती हुई है. उसकी जांच कराई जाए जिम्मेदारी कर्मचारी व अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.