अलवर. जिले के बहरोड़ थाने में 30 से अधिक हथियारबंद बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर अपने साथी को बंदी गृह से छुड़ा कर ले गए. इस घटना ने पूरे देश में अलवर पुलिस को शर्मसार कर दिया. तो वहीं राजस्थान पुलिस के डीजीपी खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
बता दें कि बहरोड़ पुलिस की लापरवाही ने उसको सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. पुलिस बदमाशों की पहचान करने के लिए जिस रास्ते से बदमाश भागे थे उस रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग तलाश रही है. तो वहीं लोगों से भी पूछताछ की जा रही है. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि थाने के गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे बंद मिले हैं. इसके अलावा थाने के सामने न्यायालय के गेट पर लगे कैमरे भी खराब हैं. ऐसे में साफ है कि पुलिस की ओर से लापरवाही बढ़ती जा रही थी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बजट के अभाव के चलते कैमरे खराब हैं और उनको ठीक नहीं कराया गया. बहरोड़ थाने में आने जाने वाले लोगों पर नजर रखने और थाने की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. वहीं लगातार प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना पुलिस की ओर से चलाई जा रही है, लेकिन हालात सबके सामने हैं. जो कैमरे लगे हैं वो खराब हैं. ऐसे में साफ है कि पुलिस की ओर से इस पूरे मामले में बड़ी लापरवाही बरती गई है.