बानसूर (अलवर). 'जाको राखे साइयां मार सके न कोई', अलवर के बानसूर के फूटा जोहड़ गांव में इस कहावत को सही साबित करता हुआ एक मामला सामने आया है. यहां एक नवजात बच्ची सड़क किनारे झाड़ियों में मिली. पूरी रात बच्ची बारिश में भीगती रही और रोती- बिलगती रही. लेकिन, पूरी रात बारिश में भीगने के बाद नवजात बच्ची जिंदा है और फिलहाल उसका इलाज जारी है.
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ग्रामीणों ने बताया कि बच्ची के रोने की आवाज ग्रामीणों ने सुनी तो बच्ची को संभाला और इसकी सूचना 108 एंबुलेंस को दी. मौके पर पहुंची 108 एम्बुलेंस के जरिए बच्ची को बानसूर सीएचसी लाया गया, जहां चिकित्सक नवजात बच्ची का इलाज कर रहे हैं. वहीं, बानसूर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
गौरतलब है कि एक माह पहले ऐसा ही मामला बानसूर के गांव फतेहपुर मे आया था. लेकिन, बानसूर पुलिस ने मामले में कोई खुलासा नहीं किया था. वहीं, सवाल उठता है कि आखिरकार कब तक इस तरह से बेटियों को झाड़ियों में छोड़ दिया जाएगा. ऐसे घोर अपराध करने वालों को कानून सख्त से सख्त सजा दे. तभी ऐसे मामले रोके जा सकते हैं.
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बेटियां कल का भविष्य हैं. बेटी है तो कल है, यह सब जानते हैं. समाज में आज बेटियों बेटों से ज्यादा नाम रोशन कर रही है. लेकिन पुत्र की लालसा में आज भी कुछ लोग बेटियों की हत्या कर रहे है. ऐसे में पुलिस को इस मामले की गहनता से जांच की करनी चाहिए, जिससे बेटी का हक मिल सके.