अलवर. जिले के रामगढ़ पुलिस थाना इलाके के दोहली गांव निवासी मुकेश जाटव के अपहरण का मामला झूठा साबित हुआ. बता दें कि इस मामले को लेकर दलित समाज ने थाने का घेराव और प्रदर्शन भी किया था. वहीं, युवक मुकेश गुरुवार को माउंट आबू में मिला है जिसने अपनी स्वेच्छा से जाना बताया.
जानकारी के अनुसार 22 अक्टूबर 2019 ब्रज लाल जाटव ग्राम दोहली ने पुलिस थाना रामगढ़ में मुकदमा दर्ज कराया था कि नरेश यादव ग्राम यादव नगर ने मुकेश जाटव के साथ मारपीट कर उसको अपहरण कर लिया है. वहीं दलित समाज ने 28 अक्टूबर 2019 को पुलिस थाना रामगढ़ में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर पुलिस थाना रामगढ़ में धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर पूर्व विधायक जुबेर खान भी मामले की जानकारी लेने के लिए पुलिस थाने पहुंचे थे. सीओ दीपक शर्मा ने 2 दिन में मुकेश जाटव को ढूंढ लाने का आश्वासन दिया था, पर 29 अक्टूबर 2019 को मुकेश का उसके परिजनों के पास फोन आया कि मैं माउंट आबू में हूं, मुझे लेने के लिए आ जाओ.
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बता दें कि परिजनों ने इस बात को रामगढ़ पुलिस थाने को बताया. पुलिस ने एक टीम गठित कर माउंट आबू रवाना कर दी. वहीं, मुकेश को माउंट आबू से रामगढ़ पुलिस थाने लाया गया और मुकेश जाटव से पूछताछ की गई. पूछताछ में मुकेश ने बताया कि मैं अपनी इच्छा से माउंट आबू गया था, मेरा किसी ने भी अपहरण नहीं किया था.
मुकेश ने बताया कि नरेश यादव से कहासुनी हुई थी और फोन पर नरेश ने मुझे अलवर में पिटवाने की बात कही थी, जिसके डर से मैं मोटरसाइकिल रामगढ़ में खड़ी कर कर पिपरौली पहुंचा. उसने बताया कि पिपरौली से मैंने अपने भाई को फोन किया. मुकेश ने बताया कि 29 अक्टूबर 2019 को मैंने वहां से मेरे परिजनों को फोन किया कि मैं माउंट आबू में हूं.
रामगढ़ थाना प्रभारी भरत महर ने बताया कि इस मामले में कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी की गई थी और किसी लड़की की बात को लेकर विवाद था. भरत लाल महर ने बताया कि उन लड़कों ने कहा कि गांव आएगा तो तेरी पिटाई करेंगे, इस डर की वजह से वह गांव से भाग गया था. रामगढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि मुकेश जाटव ने अपने भाई को भी अपहरण की झूठी सूचना दी थी.