अलवर. स्वास्थ्य विभाग और डेयरी की टीम ने गुरुवार को मिलावट के खिलाफ कार्रवाई की है. बहरोड़ क्षेत्र के गादोज गांव में लंबे समय से डेयरी प्रशासन को दूध में मिलावट करने और नकली दूध बनाने की शिकायतें मिल रही थी. इस पर दिल्ली की विजिलेंस टीम ने गांव की रेकी की. इस दौरान कई घरों में नकली दूध बनने की जानकारी मिली. इस पर गुरुवार सुबह तड़के 4 बजे डेयरी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम का गादोज गांव पहुंची और दो घरों में अलग-अलग जगहों पर दबिश दी. इस दौरान एक घर में दो महिलाएं मिक्सर से नकली दूध बना रही थी. दूसरी जगह एक व्यक्ति दूध बनाने के काम में जुटा था. दोनों ही जगह भारी मात्रा में नकली दूध बनाने का सामान जब किया गया. मामले की सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस टीम मौके पर पहुंची. पुलिस ने सारा सामान जब्त कर लिया है और मामले में जांच शुरू कर दी है.
डेयरी के चेयरमैन विश्राम गुर्जर ने कहा कि लोग खुलेआम सिंथेटिक दूध बना रहे हैं. इस गांव के लोग अमूल डेयरी और सरस डेयरी को दूध सप्लाई करने वाली समिति को दूध सप्लाई करते थे. लंबे समय से दूध में मिलावट की शिकायत मिल रही थी. इसी बीच नकली दूध बनाते हुए कुछ लोगों को पकड़ा है. यह लोग रिफाइंड, पाउडर और केमिकल मिलाकर नकली दूध तैयार करते थे. इनके पास नकली दूध बनाने का भारी मात्रा में सामान मिला है. साथ ही कई हजार लीटर दूध भी बरामद किया गया. दूध को नष्ट करा दिया गया है. उन्होंने कहा कि सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी. साथ ही इस काम में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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चेयरमैन ने बताया कि प्रतिदिन मिलावट खोर 2000 लीटर से ज्यादा दूध तैयार करके बेचते थे. ऐसे में मिलावटखोरों को मोटा फायदा होता था. वहीं, आम आदमी जहर पी रहा था. कार्रवाई के दौरान एक घर में सास-बहू नकली दूध बनाती हुई मिली. इस दौरान महिला ने कहा कि उसे कैंसर है, वो आगे से ऐसा काम नहीं करेंगी. उन्होंने कहा कि महिलाएं स्वास्थ्य विभाग की टीम के पैरों में गिर गई और रोने लगी. लाखों रुपए की कमाई करने वाले मिलावट खोर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. डेयरी प्रशासन ने कहा कि मिलावट के खिलाफ उनका अभियान जारी है और मिलावट करने वाले लोगों को नहीं छोड़ा जाएगा.