अलवर. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के बाद कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहें हैं. हाल ही में कृषि विभाग की तरफ से एक बड़ा बदलाव किया गया है. कृषि विभाग अप प्रवासी श्रमिकों को खेती-किसानी में काम आने वाली मशीनों का प्रशिक्षण देगी. इसका सीधा लाभ श्रमिकों को मिलेगा.
बता दें कि अलवर में हजारों लाखों श्रमिक रोजगार के लिए आते हैं, वहीं लॉक डाउन के दौरान श्रमिकों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था. ऐसे में कृषि विभाग ने अब प्रवासी श्रमिकों को खेती-किसानी में काम आने वाली मशीनों का प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है, जिसके तहत श्रमिकों की सूची तैयार की जा रही है. वहीं श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार की तरफ से यह योजना शुरू की गई है.
यह प्रशिक्षण फार्म मशीनरी ट्रेंनिंग एंड टेस्टिंग इंस्टीट्यूट हिसार में दिया जाएगा और जो कि एक माह तक चलेगा. इस प्रशिक्षण में श्रमिकों को मानदेय भी मिलेगा. इसके लिए प्रवासी श्रमिक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. वहीं सरकार की तरफ से श्रमिक को दी जाने वाली पूरी ट्रेनिंग का खर्चा उठाया जाएगा.
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उपनिदेशक कार्यालय कृषि में अपना नाम दर्ज करा कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं, इस प्रशिक्षण के बाद श्रमिक किसी भी जगह अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं. बता दें कि लॉकडाउन के बाद से अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बेरोजगारी देखने को मिल रही है. कई क्षेत्रों में ग्रामीण युवा कुछ महीने से काम करते हैं तो कुछ युवा साल भर बेरोजगार रहते हैं.
अलवर के युवाओं को स्थानीय उद्योगों में भी रोजगार नहीं दिया जाता है. अलवर जिले के युवाओं को अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी करनी पड़ती है. इसलिए सरकार ने श्रमिकों को कृषि कार्य व कृषि कार्य में काम आने वाली मशीनों संबंधित ट्रेनिंग देने का फैसला लिया गया है. इस प्रशिक्षण का सीधा फायदा श्रमिक को मिलेगा तो वहीं श्रमिक को रोजगार शुरू करने में सरकार मदद करेगी.